उत्तराखंड के अन्य जनपदों में भी होगा सिविल डिफेंस का विस्तार, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश, जानिए इतिहास

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी हमले में करीब 28 लोगों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ तीन दिन चली तनातनी के दौरान एक बार फिर से उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी नागरिक सुरक्षा संगठन की जरूरत महसूस होने लगी है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सेना व पैरा मिलिट्री फोर्सेज के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए भविष्य के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने तथा विभिन्न आपदाओं के समय त्वरित व प्रभावी रिस्पांस करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों की आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी नागरिक सुरक्षा संगठन के विस्तार की आवश्यकता जताई गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत में नागरिक सुरक्षा संगठन
भारत में नागरिक सुरक्षा संगठन (Civil Defence Organization) की स्थापना 1941 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपदाओं और युद्ध जैसे आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा प्रदान करना है। नागरिक सुरक्षा संगठन का कार्य क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करना, लोगों को जागरूक करना, और आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना शामिल है। उत्तराखंड में नागरिक सुरक्षा संगठन की गतिविधियां अभी तक सिर्फ राजधानी देहरादून तक ही सीमित है। इसके लिए निर्देश थे कि इस संगठन का विस्तार उन स्थानों पर होगा, जो जगह संवेदनशील हैं और यहां कैंट एरिया है। उत्तराखंड में कैंट एरिया देहरादून में दो हैं। इसके साथ ही रानीखेत और कोटद्वार में भी कैंट एरिया हैं। इसके बावजूद सिर्फ देहरादून में ही इस संगठन का गठन किया गया था। वर्ष 2017 में उत्तराखंड में केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद पांच जिलों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार में नागरिक सुरक्षा संगठन का गठन कर कार्यालय खोलने की कवायद हुई थी, लेकिन इन जिलों में अब तक कोई काम नहीं हुआ। देहरादून में ये संगठन काफी सक्रिय रहा है। पहले काफी समय तक उत्तराखंड में नागरिक सुरक्षा संगठन के चीफ वार्डन चंद्रगुप्त विक्रम रहे। कुछ समय तक ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन प्रो. कमल घनशाला भी चीफ वार्डन रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जताई ये जरूरत
बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल से लगी हैं। इसलिए सतर्कता और पुख्ता तैयारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक है कि सिविल डिफेंस के दायरे को प्रदेश के अन्य जनपदों में भी विस्तारित किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में अभी सिर्फ जनपद देहरादून ही सिविल डिफेंस जनपद के रूप में अधिसूचित है। उन्होंने सचिव गृह को प्रदेश के ऐसे जनपदों तथा क्षेत्रों को चिह्नित करने को कहा, जिन्हें सिविल डिफेंस के रूप में नोटिफाई किया जा सकता है। उन्होंने इसे लेकर शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा तथा वर्तमान परिदृश्य की पुनरावृत्ति होने की स्थिति में यह आवश्यक है कि प्रत्येक स्तर पर तैयारी को पुख्ता रखा जाए। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन तथा सेना व अन्य फोर्सेज के साथ आपसी समन्वय तथा तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि निरंतर रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए। इससे यह पता चलता रहे कि किन-किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्ष में कम से कम तीन बार इस तरह की अंतर विभागीय बैठक आयोजित की जाए। इस दौरान उन्होंने बेहतर समन्वय के लिए विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों, सेना, वायु सेना और अर्द्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों का वाट्सएप गु्रप बनाने तथा सभी विभागों तथा एजेंसियों को सिंगल प्वाइंट कांटेक्ट नामित करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, डिप्टी जीओसी सब एरिया आरएस थापा, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव गृह शैलेश बगौली, सचिव नितेश कुमार झा, सचिव सचिन कुर्वे, सचिव डॉ आर. राजेश कुमार, नागरिक सुरक्षा महानिदेशक डॉ. पीवीके प्रसाद, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, आईटीबीपी महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, अग्निशमन एवं आपात सेवाएं आईजी मुख्तार मोहसिन, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन एवं डीआईजी राजकुमार नेगी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विभागों के साथ बेहतर समन्वय के प्रयास किए जाएं
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न विभागों, संस्थानों तथा एजेंसियों के मध्य आपसी सामंजस्य का मजबूत होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत, अग्निशमन, परिवहन, आईटी विभाग, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ आदि विभागों के बीच अच्छा सामंजस्य होना जरूरी है। जितना अच्छा समन्वय होगा, आपदा के समय उतना बेहतर काम किया जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम होगा
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं के दृष्टिकोण से यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम रहेगा। प्रदेश में स्थापित अन्य विभागों के कंट्रोल रूम नियमित तौर पर सूचनाओं को एसईओसी के साथ साझा करेंगे। विभिन्न आपदाओं के समय समन्वय एसईओसी से किया ही जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सायबर वॉरफेयर पर भी नजर रखी जाए
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने किसी भी आपात स्थिति के लिए संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने साइबर वारफेयर से निपटने के लिए भी आईटी विभाग को हर पल एलर्ट रहने तथा समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फेक न्यूज पर रखें निगरानी
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज की भी निगरानी करने तथा भ्रामक खबरें और सूचनाएं प्रसारित करने वाले लोगों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना तथा पुलिस विभाग को इस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि किसी भी प्रकार की न्यूज तथा पोस्ट को प्रसारित करने से पहले जांच कर लें कि सूचना सही है या नहीं। ज्ञातव्य है कि फेक न्यूज को पोस्ट करने वाला व्यक्ति जितना दोषी है, उतना ही दोषी उसे प्रसारित और रिपोस्ट करने वाला व्यक्ति भी है और कानून तथा आईटी एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही के प्रावधान हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फायर हाइड्रेंट्स की जांच की जाए
अग्नि संबंधित विभिन्न घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हेतु मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगे फायर हाइड्रेंट्स की जांच करने तथा आवश्यकतानुसार नए फायर हाइड्रेंट्स स्थापित करने को कहा। इस संबंध में उन्होंने कमिश्नर गढ़वाल तथा कमिश्नर कुमाऊं को शीघ्र समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसईओसी में स्थापित करें सिविल डिफेंस का कंट्रोल रूम
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सेना के साथ जुड़े सिविल डिफेंस के हॉटलाइन नंबर को एसईओसी में स्थापित किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की आपदा के समय विभिन्न एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय हो सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में स्थापित सिविल डिफेंस के कंट्रोल रूम हो एसईओसी में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि एसईओसी में 24ग्7 मैन पावर उपलब्ध है, लिहाजा यहां से बेहतर समन्वय हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महत्वपूर्ण संरचनाओं की सुरक्षा ऑडिट करें
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग में नए पदों पर भर्ती की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संसाधनों की जानकारी एसईओसी को उपलब्ध कराई जाए
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों के पास जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उनकी सूची तथा विवरण एसईओसी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें गतिमान किया जा सके। उन्होंने जीआईएस बेस्ड डाटाबेस बनाने के भी निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महत्वपूर्ण संस्थानों तथा परिसंपत्तियों का सुरक्षा आडिट कराएं
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के स्थापित विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों, परिसंपत्तियों तथा बांधों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु खतरे की आशंका के आधार पर पुनः सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एटीएफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न प्रकार की आपदाओं को लेकर संवेदनशील है। वायु सेना के बड़े तथा आधुनिक विमानों से राहत और बचाव कार्य संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वायु सेना के बड़े विमानों के लिए हेलीपैड में एटीएफ यानी विमान के ईंधन का पर्याप्त भंडारण और सुलभ उपलब्धता हो ताकि खोज एवं बचाव अभियान में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समुदायों की सहभागिता जरूरी, जारूकता हो प्रचार-प्रसार
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सीमा पर हमारे देश के वीर सैनिक देश की सुरक्षा के लिए मजबूती से डटे हैं, लेकिन आम नागरिकों को भी हर पल जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि ब्लैक आउट तथा एलर्ट का सायरन बजने के दौरान लोगों को क्या करना है, इस संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी की जाए तथा एसओपी बनाई जाएं। उन्होंने निरंतर अंतराल में विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाव के लिए मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।