सीटू का आठवां राज्य सम्मेलन देहरादून में शुरू, पहले दिन निकाली रैली, सरकार की नीतियों के खिलाफ बोला हमला

सम्मेलन यहां दिवगंत ट्रेड यूनियंस नेता वीरेन्द्र भंडारी नगर एवं महाबीर शर्मा के नाम से बनाए गए मंच से शुरू किया गया। स्वागत समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एमसी पन्त ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सीआइटीयू आठवें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुऐ राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर के हेमलता ने कहा कि पिछले सम्मेलन के बाद से कोरनाकाल एवं सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण उधोग धन्धे बन्द हो गए। स्थाई एवं अस्थाई रोजगार छीने गये हैं। सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों तमाम गलत नीतियों के परिणामस्वरूप हजारों को न केवल रोजगार गवाना पड़ा, बल्कि इन मजदूरों को जान गवानी पड़ी। हमारे संगठनों ने देशभर में मजदूरों की हरसम्भव सहायता करनी कोशिश की। इनके अधिकारों के लिए अनवरत संघर्ष किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा है कि आज हमारे देश बेतहाशा महगाई के विपरीत आम मजदूर की आय में भारी कमी आयी है। केन्द्र की मोदी सरकार ने कोरनाकाल में ही पुराने कानूनों खत्म करते मजदूर विरोधी चार श्रमिक संहिता कानून पारित किये। मजदूर एवं कर्मचारियों के लिए जो भी कुछ मिल रहा है वह सीआइटीयू एवं ट्रेड यूनियन आन्दोलन एवं दिनप्रतिदिन संघर्ष का ही परिणाम हैं। यदि श्रम विरोधी कानू लागू हो गये तो मजदूर वर्ग की समस्याओं में अधिक वृद्धि होगी तथा उनके खिलाफ सरकार की दमनात्मक कार्यवाहियों तेजी होगी। मजदूरों की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा समाप्त होगी तथा मालिकों की मनमानी बढ़ेगी। मजदूरों के यूनियन के अधिकार पर हमला तेज होगा। इसी प्रकार हमारे वर्तमान संघर्षों को धक्का लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो पहले के मुकाबले रोजगार, वेतन, मानदेय आदि की सुविधाओं में भारी कटौतियां होगी। मोदी सरकार स्थाई रोजगार समाप्त कर आउटसोर्सिंग यानि अस्थाई रोजगार की भरमार तेज होगी तथा मजदूर अपनी रोजी रोटी की चिंता बढ़ जाऐगी तथा वह यूनियन से दूर भागेगा। पिछले दिनों विदेशों में भी फ्रान्स, अमेरिका, इग्लैंड में हड़तालें हुई। इनके पीछे भी रोजगार एवं मंहगाई का शामिल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने कहा है कि जिन देशों में पिछले चालीस सालों में महगाई नहीं बढी, वहां अब तेजी से बढ़ रही है। हमारे देश में न ई उदारीकरण, कारपोरेट परस्त नीतियों के कारण जिसमें श्रम कानून पलटा गया। श्रम कानूनों में कटोती के साथ ही वेतनमान व मजदूरी में कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा है कि देश में 21 ट्रेड यूनियनों की ऐतिहासिक हड़ताल हुई हैं, जिसमें संगठित आन्दोलन के दायरे के बाहर के मजदूर भी शामिल हुए। राजनैतिक बदलाव में यह परलक्षित कर इन जनविरोधी नीतियों को हाशिये में धकेलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि सीआइटीयू मेहनतकश वर्ग एवं आम जनता के लिए न केवल चिन्तित है, इससे मुक्ति के लिए वह सरकार से अनवरत संघर्ष कर रहा है। साथ ही मेहनतकश वर्ग के लिए वैकल्पिक नीतियां भी पेश कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन इन तमाम मुद्दों में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर राज्य सचिव लेखराज ने डॉक्टर के. हेमलता को शाल उढ़ाकर उनका सम्मान किया। सम्मेलन की अध्यक्षता राजेन्द्रसिंह नेगी, विपिन उनियाल, मदन मिश्रा, कृष्ण गुनियाल तथा जानकी चौहान के पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की। सम्मेलन में इंटक के प्रदेश आध्यक्ष व पूर्व केबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार हीरा सिंह बिष्ट ने सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी व केंद्र व राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्षो की जरूरत पर बल दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर एक्टू के प्रांतीय महामन्त्री केके बोरा, किसान सभा के महामंत्री गंगाधर नौटियाल, एस एफ आई अध्यक्ष नितिन मलेठा , जनवादी महिला समिति की महामंत्री दमयंती नेगी, एआईएलयू के महामन्त्री शम्भू प्रसाद ममगाई, नगर निगम कर्मचारी नेता मुरली मनोहर, सफाई कर्मचारियों के नेता राजेन्द्र श्रमिक, पेन्शनर्स यूनियन के अध्यक्ष ताजवर सिंह रावत, केन्द्रीय कर्मचारी कोर्डिनेशन कमेटी के संयोजक जगदीश चन्द कुकरेती, राज्य कर्मचारियों के नेता एस एस नेगी शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व सीआइटीयू उत्तराखंड के संस्थापक में से एक कामरेड विपिन उनियाल ने झण्डारोहण किया। साथही सभी उपस्थित लोगों ने शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की। सम्मेलन में दिवगंत बीरेन्द्र भंडारी, महाबीर शर्मा, उदयबीर सिंह के परिजनों सम्मानित किया गया। संचालन प्रान्तीय महामंत्री महेन्द्र जखमोला ने किया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।