अखिल भारतीय मांग दिवस पर 10 जुलाई को सीटू निकालेगी रैली, जिला मुख्यालय पर होगा प्रदर्शन, ये हैं मुद्दे
अखिल भारतीय मांग दिवस के मौके पर 10 जुलाई को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स सीटू देहरादून में रैली निकालकर प्रदर्शन करेगी। इस संबंध में सीटू की बैठक में निर्णय किया गया। तय किया गया कि देहरादून में तोड़े गए बस्तीवासियों को समुचित मुआवजा देने या पुनर्वास की व्यवस्था करने के साथ ही श्रमिको की विभिन्न समस्याओं पर केन्द्र व राज्य सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तय किया गया कि 10 जुलाई की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे देहरादून में सीटू कार्यालय राजपुर रोड गांधीपार्क से जिला मुख्यालय तक रैली निकाली जाएगी। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि बस्तियों के ध्वस्तीकरण से भाजपा का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है। इनके खिलाफ मजदूर वर्ग में व्यापक रोष व्याप्त है। इसके साथ ही रेहड़ी पटरी वालों के लिए वेंडर जोन बनाने, श्रमिकों, आशाओं, भोजनमाताओं, आंगनवाड़ी की मांगों को भी मांग पत्र में शामिल किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक की अध्यक्षता सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल ने की इस अवसर पर एसएस नेगी, राम सिंह भंडारी, रविन्द्र नौढियाल, नरेंद्र सिंह, प्रेमा, किरण, मोनिका, रजनी गुलेरिया, सुनीता चौहन, मनीषा राणा, मामचंद, सुरेंद्र सिंह राणा आदि उपस्तिथ थे।
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। इसके तहत अवैध भवन चिह्नित किए गए हैं। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद 27 मलिन बस्तियों में बने 504 मकानों को नगर निगम, एमडीडीए और मसूरी नगर पालिका ने नोटिस जारी किए थे। इसके बाद नगर निगम ने सोमवार 27 मई से मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
504 नोटिस में से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने 403, देहरादून नगर निगम ने 89 और मसूरी नगर पालिक ने 14 नोटिस भेजे थे। बड़े पैमाने पर एमडीडीए की ओर से भी कार्रवाई की गई है। इस अभियान के खिलाफ विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से धरने और प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।