उत्तराखंड बीजेपी में सीएम पद के लिए मंथन, नवनिर्वाचितों में एक का धामी तो दूसरे का त्रिवेंद्र के लिए सीट छोड़ने का ऐलान

चुनाव हारने के बाद भी माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व धामी को फिर अवसर दे सकता है। इसके लिए धामी को काम करने के लिए मिले कम समय का हवाला दिया जा सकता है। शुक्रवार को पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं, चर्चा है कि भाजपा पुष्कर सिंह धामी को किसी सुरक्षित सीट से दोबारा चुनाव लड़ाकर, उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। कारण ये भी है कि उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने के कारण ही बीजेपी को भारी सफलता मिली। चुनाव परिणामों को लेकर गदगद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी जीत का श्रेय पुष्कर सिंह धामी को दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई बार युद्ध में सेनापति या तो घायल हो जाता है, या फिर शहीद हो जाता है। ऐसे ही चुनावी युद्ध में धामीजी भले ही अपनी सीट नहीं बचा पाए, लेकिन उनकी मेहनत और कार्यकर्ताओं के जोश से बीजेपी दोबारा सत्ता में काबिज हो रही है।
चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश कर चुके हैं। यह भी तर्क दिया जा रहा कि जिस तरह से बंगाल में टीएमसी ने चुनाव हारने के बाद भी ममता बनर्जी को ही अपना नेता चुना, उसी तरह का प्रयोग भाजपा यहां भी कर सकती है। इसके अलावा नई सरकार के मुखिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज के नाम भी चर्चा में हैं।
इनके साथ ही राज्यसभा सांसद और बीजेपी के तेज तर्रार नेता अनिल बलूनी के अवाला पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम भी अचानक चर्चाओं में आ गया है।
डोईवाला से नवनिर्वाचित भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण गैरोला ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए अपनी सीट खाली करने का ऐलान किया है। पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा कि यदि उनके नाम पर चर्चा होती है तो वह सहर्ष अपनी कुर्सी खाली कर देंगे। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम रहते हुए प्रदेश के विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किया, सुशासन किया। ऐसे योग्य और ईमानदार के लिए सीट खाली करनी पड़ी तो ये मेरा सौभाग्य होगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बदली परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नेतृत्व मंथन में जुट गया है। हालांकि अधिक संभावना इस बात की है कि विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। इसके साथ ही ये चर्चा भी है कि बदली परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें भी अवसर दे सकती है। एक-दो दिन में इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।