Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 10, 2025

स्कूलों में बच्चों की है मनाही, फिर भी पहुंच गए स्कूल, लौटते समय गदेरा चढ़ा उफान पर, शिक्षिका ने सुरक्षित पहुंचाया घर

चमोली के सीमांत क्षेत्र में मलारी प्राथमिक विद्यालय में आज सोमवार को अभिभावकों की गलती से कुछ बच्चे स्कूल पहुंच गए। इसी बीच जोरदार बारिश के चलते नदी और नाले उपान पर आ गए। ऐसे में स्कूल पहुंचे बच्चों के लिए वापस घर पहुंचना भी जान को जोखिम में डालना था।

उत्तराखंड में कोविड संक्रमण के मद्देनजर छात्रों के लिए स्कूल बंद हैं। हालांकि शिक्षकों के लिए स्कूल 15 जुलाई से खोले जा चुके हैं। बच्चों के लिए आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था है। पर्वतीय जिलों के दूरस्थ गावों में आनलाइन शिक्षा की बात बेमानी है। ऐसे में शिक्षक ही घर घर जाकर बच्चों को वर्कशीट पहुंचा रहे हैं। साथ ही उन्हें काम समझा रहे हैं। इस बीच सीमांत जनपद चमोली के एक गांव में ऐसा वाक्या हो गया, जिस पर शिक्षक भी हैरान हो गए।
चमोली के सीमांत क्षेत्र में मलारी प्राथमिक विद्यालय में आज सोमवार को अभिभावकों की गलती से कुछ बच्चे स्कूल पहुंच गए। इसी बीच जोरदार बारिश के चलते नदी और नाले उपान पर आ गए। ऐसे में स्कूल पहुंचे बच्चों के लिए वापस घर पहुंचना भी जान को जोखिम में डालना था। विद्यालय में तैनात शिक्षिका जया चौधरी ने नौनिहालों को पहले तो कोविड नियमों के तहत उन्हें स्कूल में ही रोके रखा। फिर स्कूल पहुंचे प्राथमिक विद्यालय के तीन व जूनियर हाईस्कूल के तीन बच्चों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाया गया।
स्कूल व गांव के मध्य बहने वाले कुंती गदेरे (बरसाती नाला) में अचानक हिमखंड टूटने से पानी बढ़ गया था। ऐसे में शिक्षिका ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें गदेरा पार कराया। इस पर नौनिहालों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए अविभावकों ने उनका आभार जताया।
शिक्षिका ने बताया कि सीमांत क्षेत्र में आनलाईन शिक्षा की व्यवस्था न होने के कारण आफ लाईन पढ़ाई के निर्देश हैं। इसके तहत नौनिहालों को वर्कशीट घर पर ही जाकर देनी पड़ती है। मलारी में प्राथमिक विद्यालय में पढाने वाले आठ बच्चों को प्रतिदिन घर में आफलाईन पढ़ाई के लिए वर्क सीट दी जा रही है। मामले में शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि कोरोना गाईडलाईन के तहत आफ लाईन वर्क सीट प्रतिदिन देकर उन्हें स्कूल टाईम पर आंसर सीट चेक भी किया जाना है।
इस कार्य को शिक्षिका जया चौधरी बखूबी निभा रही हैं। उनके प्रयासों से बच्चे घर पर ही बगैर मोबाइल या इंटरनेट के पढ़ाई कर रहे हैं। जया चौधरी को वर्ष 2017 – 2018 में एमएचआरडी की ओर से स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय पुरूस्कार भी जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की ओर से दिया जा चुका है। वहीं उन्हें शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भी उत्कृष्ट शिक्षा सम्मान से भी नवाजा था।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Pečená žebra: recept na