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March 10, 2025

एम्स में दी गई बाल कैंसर की जानकारी, किया गया जागरूक, समय पर रोग का पता चले तो जड़ से हो सकता है समाप्त

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर जनजागरुकता माह के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों व उनके तीमारदारों को बाल कैंसर को लेकर जागरुक किया गया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर जनजागरुकता माह के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों व उनके तीमारदारों को बाल कैंसर को लेकर जागरुक किया गया। गौरतलब है कि हर वर्ष सितंबर माह को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर जनजागरुकता महीने के तौर पर मनाया जाता है। इसी के तहत मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में बाल कैंसर जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बताया गया कि सुनहरा रंग बाल कैंसर का प्रतीक है और गोल्डन रीबन कैंसर के बच्चों व उनके परिवारजन जो कि कैंसर की इस जंग में बच्चों के साथ हैं, उन्हें सम्मान देता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बच्चों व उनके तीमारदारों को बाल कैंसर से जुड़े तथ्यों से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि कैंसर न सिर्फ वयस्क लोगों में बल्कि बच्चों को भी ग्रसित कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि समय पर बाल कैंसर की जांच कराई जाए, तो इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है। लिहाजा बाल कैंसर को लेकर बच्चों के अभिभावकों को जागरुक होना होगा। संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में बाल कैंसर निवारण को लेकर कैंसर ओपीडी सुविधा, रेडियो थेरेपी, कीमो थेरेपी आदि सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
बाल शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यश्री ने बताया कि कैंसर ग्रसित मरीज के लिए समय पर अस्पताल में अपनी जांच करानी जरुरी होती है, तभी कैंसर जैसी घातक बीमारी का समय पता लगाया जा सकता है और उपचार शुरू किया जा सकता है। उन्होंने इस बीमारी में किसी भी तरह की लापरवाही को जीवन के लिए घातक बताया। मेडिकल ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. उत्तम कुमार नाथ ने बताया कि रक्त से होने वाले कैंसर का जड़ से खात्मा भारत में भी संभव है। एम्स में कई ऐसे बच्चों की बीमारी का निराकरण किया जा चुका है जो कि रक्त कैंसर से ग्रसित थे। उन्होंने बताया कि मरीज समय से अस्पताल में समुचित जांच कराएं तो रक्त कैंसर को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है।
इस अवसर पर लोगों द्वारा पूछे गए कैंसर विषय से जुड़े सवालों के मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग की फैकल्टी डा. अमित सहरावत ने जवाब दिया। इस अवसर पर कैन किड्स संस्था की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रीति रस्तोगी ने बताया कि उनकी संस्था कैंसर से ग्रसित बच्चों के उपचार में दवा व आर्थिक सहायता करती है। इस बाबत कैन किड्स संस्था का एम्स,ऋषिकेश से वर्ष 2019 में करार हुआ था,जिसके तहत पिछले दो वर्षों में एम्स में उपचार कराने वाले बच्चों को संस्था की ओर से हरसंभव मदद दी जा रही है। उन्होंने बताया कि संस्था इस जंग से जूझ रहे बच्चों व उनके परिजनों के साथ खड़ी है। प्रीति रस्तोगी ने बताया कि इसवर्ष आई डिजर्व एक्सेस एनिवेयर एनी टाइम थीम पर सितंबर माह बाल कैंसर जनजागरुकता महीना मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में डा. मोहित धींगड़ा, डा. मनीष गुप्ता, डा. दीपक सुंद्रियाल, डा. दीपा, डा. गौरव आदि ने सहयोग प्रदान किया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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