मुख्य सचिव बोलीं- हर घर तिरंगा अभियान का अनिवार्य रूप से किया जाए डॉक्यूमेंटेशन, छात्रवृत्ति अनुदान राशि में वृद्धि
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की सभी गतिविधियों के अनिवार्य डॉक्यूमेंटेशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने 15 अगस्त तक हरेला के तहत निर्धारित किए गए 50 लाख पौधरोपण के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएम को 15 अगस्त से एक सप्ताह पूर्व जनपदों में स्वच्छता अभियान भी चलाने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव ने हर घर तिरंगा अभियान में प्लास्टिक के झण्डों का प्रयोग नही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने झण्डों के निर्माण व आपूर्ति में महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता लेने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर अमृत सरोवर पर झण्डारोहण तथा एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत अनिवार्य रूप से पौधरोपण के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस दौरान जल संरक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अत्यधिक वर्षा के कारण नालियों व नालों में जलभराव की समस्याओं के निस्तारण हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस से पूर्व स्वच्छता अभियान के साथ ही नालियों के सफाई सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में तिरंगा यात्रा के तहत भव्य जुलूस के आयोजन तथा इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्कूलों, कॉलेजों, संगठनों व निवासियों को अपने झंडों के साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख अनुदान प्रस्ताव पर सहमति
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति की अध्यक्षता करते हुए जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक व सैनिक विधवाओं के आश्रितों के लिए छात्रवृति अनुदान की धनराशि में वृद्धि पर सहमति दी है। मुख्य सचिव रतूड़ी ने 11वीं व 12वीं कक्षा के लिए बालकों के लिए प्रतिवर्ष 6000 रूपये तथा बालिकाओं के लिए 8000 रूपये, सभी स्नातक कक्षाओं हेतु बालकों के लिए 8000 रूपये तथा बालिकाओं के लिए 10000 रूपये, सभी स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु बालकों के लिए प्रतिवर्ष 10000 रू0 तथा बालिकाओं के लिए 12000 रू0, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून की शिक्षा के लिए 50000 रू0 छात्रवृत्ति अनुदान राशि वृद्धि पर सहमति दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने मेधावी छात्र अनुदान के तहत कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 30000रू0 व बालिकाओं को 50000 रू0, कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 40000 रू0 तथा बालिकाओं को 60000 रू0, स्नातक में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को 50000 रू0 प्रतिवर्ष व बालिकाओं को 70000 रू0 प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों हेतु छात्रवृत्ति कक्षा 1 से कक्षा 8 तक बालकों के लिए प्रतिवर्ष 12000 रू0 व बालिकाओं के लिए 15000 रू0 करने तथा कक्षा 8 से स्नातकोत्तर तक बालकों को प्रतिवर्ष 20000 रू0 तथा बालिकाओं को 25000 रू0 प्रदान करने पर सहमति प्रदान की गई है। मुख्य सचिव ने नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25000 रू0 प्रतिवर्ष करने, पैराप्लजिक रिहैविलिटेशन केन्द्रों में उत्तराखण्ड के पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को 200000 रू0 प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता देने पर भी सहमति दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की ओर से संचालित भर्ती पूर्व प्रशिक्षण से प्रशिक्षण प्राप्त करने क अनिवार्यता को समाप्त करते हुए प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस में चयन होने पर एकमुश्त अनुदान 40000 रू0 करने पर सहमति दी है। उन्होंने संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख रू0 का अनुदान प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। इसके साथ ही सीएस ने उत्तराखण्ड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार हेतु 10000 रू0 का अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को 15 वर्ष में एक बार उनके मकान के रख-रखाव हेतु 100000 रू0 की अनुदान धनराशि प्रदान किए जाने के प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव दीपेन्द्र चौधरी, उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति के सदस्य मेजर जनरल (सेनि) जीएस रावत व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।