उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को छह माह का सेवा विस्तार, ईमानदार अफसरों में होती है गिनती
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को छह माह का सेवा विस्तार दे दिया गया है। इसके तहत एक अप्रैल से 30 सितंबर 2024 तक छह महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ गया है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव हैं। हाल ही में उन्होंने विधिवत रूप से मुख्य सचिव पद की कमान संभाल ली थी। 1988 बैच की रतूड़ी को पूर्व मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कार्यभार सौंपा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव बनने से पहले राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव पद पर थीं। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भरोसेमंद अफसरों में मानी जाती हैं। रतूड़ी के पति अनिल कुमार रतूड़ी पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे प्रदेश के पहले नौकरशाह दंपत्ति हैं, जिन्हें पुलिस और प्रशासन के सबसे बड़े ओहदे की कमान संभालने का अवसर मिला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर मुख्य सचिव तक अपनी अभी तक की यात्रा में वह फतेहपुर (यूपी), टिहरी व देहरादून की जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं। शासन में उन्होंने गृह, वित्त, कार्मिक, महिला सशक्तीकरण में बाल विकास सरीखे अहम विभाग देखे। अभी वह मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह और एसएडी की जिम्मेदारी देख रही थीं। राधा रतूड़ी साल 1988 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। वह एक ईमानदार और सख्त अफसर मानी जाती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राधा रतूड़ी के बारे में
उत्तराखंड राज्य का अस्तित्व नवंबर 2000 में आया था। तब से आज तक इस पद पर कोई महिला अधिकारी इस शीर्ष प्रशासनिक पद पर नहीं पहुंच पाई हैं। ये ज़िम्मेदारी सँभालने वाली वो पहली महिला अधिकारी हैं। अपने लंबे प्रशासनिक करियर के दौरान रतूड़ी ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। वह सीएम धामी के पसंदीदा अफ़सरों में आतीं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कई जिलों मे रह चुकी हैं डीएम
राधा रतूड़ी देहरादून, टिहरी जैसे जिलों के जिलाधिकारी का पद भी सँभाल चुकी हैं। उत्तराखंड राज्य के शीर्षस्थ पद पर पहली महिला अधिकारी होने के साथ-साथ राज्य के इतिहास में ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पति—पत्नी दोनों शीर्ष पदों तक पहुंचे हों। आपको बता दें कि उनके पति अनिल रतूड़ी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं। वह प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सँभालने के बाद नवंबर 2020 को सेवानिवृत्त हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्रकारिता से शुरू किया सफर
पत्रकारिता से सफर शुरू करने वाली राधा रतूड़ी आज उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में सबसे ऊंचे पद पर पहुंच गई हैं। मध्य प्रदेश की बेटी और उत्तराखंड की बहू राधा रतूड़ी अपनी सादगी और सौम्यता के लिए जानी जाती हैं। राधा रतूड़ी महिलाओं को लेकर हमेशा संजीदा रही हैं। पत्रकारिता से शुरू हुआ सफर इंडियन इनफॉरमेशन सर्विस (आईआईएस) और इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) के बाद इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) तक पहुंचा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएट मास कम्युनिकेशन करने के बाद राधा रतूड़ी ने इंडियन एक्सप्रेस मुंबई में ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्होंने इंडिया टुडे मैगजीन में भी काम किया। 1985 में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने के साथ ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने की तैयारी भी की। राधा रतूड़ी के पिता बीके श्रीवास्तव सिविल सर्विस में थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिता की सलाह पर की यूपीएससी की तैयारी
अपने पिता की सलाह पर राधा रतूड़ी ने यूपीएससी की तैयारी की। उन्हें इंडियन इंफॉर्मेशन सर्विस में सफलता मिली। 1985-86 में नियुक्ति के लिए राधा रतूड़ी दिल्ली गईं, लेकिन उनको दिल्ली रास नहीं आई। उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। यहां अगले ही प्रयास में राधा रतूड़ी को इंडियन पुलिस सर्विस में जगह बनाने में कामयाबी मिली। 1987 में राधा रतूड़ी आईपीएस में चयनित होने के बाद हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिए गई थीं, जहां उनकी मुलाकात 1987 बैच के ही आईपीएस अनिल रतूड़ी से हुई। यहां से दोस्ती का सफर शुरू हुआ तो बात शादी तक पहुंच गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपनाया उत्तराखंड का कलचर, लोकगीत के प्रति खास लगाव
राधा रतूड़ी घर के कामकाज खुद भी करती हैं। आम गढ़वाली महिला की भांति वह पहले ऊन से सिलाई चलाते हुए स्वेटर या अन्य सामग्री भी बुनती नजर आती थीं। वर्ष 2003 में जब देहरादून में मेयर के चुनाव की मतगणना हो रही थी तो वह पूरी रात मतगणना स्थल पर ही मौजूद रहीं। इस दौरान वह अपनी बेटी को स्कूल का होमवर्क कराती नजर आईं। मतगणना तड़के करीब चार बजे तक चली। उनकी बेटी गोद में ही सो गई। तत्कालीन उद्यान अधिकारी रात को गीत और कविताएं सुनाकर अधिकारियों का तब टाइम पास करते भी नजर आए। तो तब भी वह ऊन और सलाई से कुछ बुनती नजर आईं। पति के साथ उनकी लोकगीतों की वाडियो भी सोशल मीडिया में देखी जा सकती हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।