छठ पूजाः सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ा सैलाब, छठी माता के जयकारों से गूंजे घाट, दून में कृत्रिम झील में उमड़ा सैलाब
प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त ने की छठ में अस्तांचल सूर्य की आरती
आज पूरे देहरादून में छठ पूजन की धूम रही। चाय बागान काली मंदिर वसंतविहार में हज़ारों लोगों के साथ में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने पुरवा सांस्कृतिक मंच के तत्वाधान में सजे पंडाल में जल में खड़े हो कर अस्तांचल सूर्य को अर्घ चढ़ाया व तत्पश्चात आरती पूजन किया। हर वर्ष की भांति धस्माना द्वारा प्रसाद वितरण किया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए धस्माना ने छठ की बधाई देते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में छठ का महापर्व पूर्वांचल, बिहार, झारखंड व बंगाल की सीमाओं को पार करते हुए पूरे भारत वर्ष में फैल गया और अब यह महापर्व क्षेत्र विशेष का न हो कर पूरे भारतवर्ष के त्यौहार हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि वास्तव में यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताने के पर्व है जिसमें सूर्योपासना, वायु ,जल, भूमि सब के प्रति कृतज्ञता का भाव जागृत होता है। धस्माना ने कहा कि वैदिक काल से ही इस पर्व को मनाने की परंपरा है जो आधुनिक युग में और लोकप्रिय व रोचक हो गयी है। धस्माना ने उत्तराखंड में रह रहे पूर्वांचल, बिहार, बंगाल व झारखंड सहित पूरे देश के लोगों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर अभिषेक तिवारी, संदीप जिंदल, अवधेश कथिरिया, प्रवीण कश्यप, शुभम सैनी, सोनू काज़ी, सुशीला बेलवाल, अनिता दास, मीनाक्षी बिष्ट, सुभान अली, मुजम्मिल, प्रेम सागर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रसाद वितरण किया। अनिता दास व उनकी साथियों ने छठी मैय्या का लोक गीत गा कर गुणगान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दून में बनाई कृत्रिम झील, उमड़ा जनसैलाब, पूर्व विधायक राजकुमार ने दी बधाई
देहरादून में तेग बहादुर सिंह रोड पर पूर्व विधायक राजकुमार के प्रयासों से छठ पूजा के लिए कृत्रिम झील बनाई गई। यहां हर बार छठ पूजन के लिए इस तरह की झील का निर्माण किया जाता है। पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता राजकुमार ने प्रदेशवासियों को छठ की बधाई दी। उन्होंने कहा कि त्योहार हमें आपस में जोड़ते हैं। इसलिए त्योहारों को मिलजुलकर आपसी सदभाव से मनाना चाहिए। इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग इलाकों से टोलियां बनाकर टोकरियों में पूजा सामग्री लेकर झील में पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शाम सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि की कामना की। उधर, त्योहार के दृष्टिगत श्रद्धालु महिलाओं का निर्जल व्रत रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महिलाएं सोमवार को प्रात: सूर्योदय पर अर्घ्य के बाद व्रत खोलेंगी।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।