आज से चारधाम यात्रा शुरू, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, पहली पूजा पीएम के नाम, यात्रा के लिए पढ़िए नियम

सुबह ठीक 11:15 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। वहीं, देवी यमुना की डोली शीतकालीन पड़ाव खरसाली से रवाना होकर यमुनोत्री धाम पहुंची और दोपहर 12:15 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की फूलों से भव्य सजावट की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन मई को हर्षिल हेलीपैड पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कार से गंगोत्री धाम पहुंचे और कपाटोद्घाटन में प्रतिभाग किया।
पहली पूजा पीएम मोदी के नाम
गंगोत्री धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री में पूजा अर्चना की और प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से चारधाम यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो रही है। मैं सभी श्रद्धालुओं का उत्तराखंड देवभूमि आगमन पर स्वागत करता हूं। ये यात्रा ऐतिहासिक हो। सबकी यात्रा सरल व सुगम हो। सबके मंगल की कामना करता हू। हमारी सरकार सुगम एवं सुरक्षित चार धाम यात्रा हेतु वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री ने फोन के माध्यम से यमुनोत्री धाम के मुख्य पुजारियों एवं वहां उपस्थित समस्त श्रद्धालुजनों को अक्षय तृतीया एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर की शुभकामनाएं प्रेषित की।
केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि
उधर, पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से भगवान केदारबाबा की पंचमुखी डोली भी सोमवार को केदारनाथ के लिए रवाना हो गई। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई प्रात: 6.25 और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई रविवार को 6 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। श्री गंगोत्री धाम के कपाट 3 मई को पूर्वाह्न 11.15 बजे और श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 मई को ही अपराह्न 12.15 बजे खुलेंगे। पवित्र गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट रविवार 22 मई को खुलेंगे।
प्रतिदिन दर्शन के लिए धामों में निर्धारित की गई यात्रियों की संख्या
गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा प्रभावित रही थी। इस बार सरकार को भी यात्रा के परवान चढ़ने की उम्मीद है। अभी तक 2.86 लाख लोग चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। ऐसे में तीर्थ यात्रियों में भी यात्रा के प्रति उत्साह नजर आ रहा है। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, धामों में श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता और मंदिर परिसरों की क्षमता को देखते हुए प्रतिदिन के लिए दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित की गई है। हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरि चंद्र सेमवाल ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
धाम- संख्या
बदरीनाथ- 15000
केदारनाथ- 12000
गंगोत्री- 7000
यमुनोत्री- 4000
इस बार भी यात्रा के लिए पंजीकरण किया अनिवार्य
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को इस बार भी पंजीकरण कराना अनिवार्य है। श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इसके साथ ही आफलाइन पंजीकरण के लिए 15 केंद्र खोले जाने हैं। फिलहाल ऋषिकेश, हरिद्वार, सोनप्रयाग और पाखी में आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
कोविड के नियमों का होगा पालन
यात्रा के दौरान कोविड सम्यक व्यवहार आवश्यक है। इसके तहत मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर जारी कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। साथ ही दर्शन के दौरान भी कोविड के नियम बनाए गए हैं।
रात में छह घंटे बंद रहेगा आवागमन
यात्रा के दौरान राज्य में आने वाले तीर्थ यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्गों पर रात्रि 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। शासन द्वारा जारी आदेश में भी यह प्रविधान किया गया है।
कोरोना रिपोर्ट की नहीं है अनिवार्यता
सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले चारधाम तीर्थ यात्रियों को फिलहाल राहत देने का प्रयास किया है। फोकस यात्रा का सफल संचालन है। अग्रिम आदेशों तक यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा पर होने वाली असुविधा एवं भीड़ से बचाव करने के दृष्टिगत कोविड-19 टेस्टिंग, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट एवं अन्य किसी भी प्रकार की चेकिंग की अनिवार्यता नहीं है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।