मानसून थमते ही चारधाम यात्रा जोरों पर, सरकार ने थपथपाई पीठ, मौत के आंकड़े भी बता दो सरकार
इन दिनों उत्तराखंड सरकार हर दिन किसी ना किसी मामले को अपनी उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपाने का प्रयास कर रही है। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा से पहले सरकार की ओर से हर दिन ये नहीं बताया जाता था कि एक दिन में कितने यात्री चारधाम पहुंच रहे हैं। अब यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है तो इस पर भी सरकार पीठ थपथपा रही है। फिर भी ये सबको मालूम होना चाहिए कि उस आपदा से पहले जितने तीर्थ यात्री हर दिन चारधाम पहुंचते थे, उतने अब नहीं पहुंचते हैं। तब एक दिन में ही केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख से ऊपर रहती थी। हालांकि, अब जिस तरह से प्रचार किया जा रहा है, उसमें ये नहीं बताया जा रहा है कि आपदा के दौरान कितने तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है। वहीं, हृदय गति रुकने से कितने तीर्थयात्रियों की मौत चारधाम में हुई है। सिर्फ एक पक्ष ही बताया जा रहा है। इसके विपरीत सच्चाई ये है कि इस बार आपदा में राज्यभर में कुल 82 लोगों की मौत हुई है। इनमें रुद्रप्रयाग जिले में 20 लोगों ने जान गंवाई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आठ लोग घायल हुए और इसी जिले में 20 लोग लापता हैं। इन आंकड़ों में भी ज्यादा मामले केदारनाथ यात्रा रूट के हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस साल मौत ने तोड़ा पिछला रिकॉर्ड
यात्रियों की संख्या में तो रिकॉर्ड बनाने की बात सरकार कर रही है, लेकिन तीर्थ यात्रियों की मौत का जो रिकॉर्ज बन रहा है, उसे भी जनता के समक्ष लाना चाहिए। आपदा सहित अन्य मामलों जैसे हार्ट अटैक या अन्य परेशनी से हुई मौत के आंकड़े देखोगे तो इस साल चार धाम यात्रा में अब तक 207 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक चार धाम यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या ने पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल केदारनाथ में 99, बद्रीनाथ में 55, यमुनोत्री में 38 और गंगोत्री में 15 लोगों की मौत हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार का दावा
मौत के आंकड़ों से इतर उत्तराखंड सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम धामी को दिया गया श्रेय
यात्रा के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को लेकर सीएम धामी को श्रेय दिया गया है। सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रेस नोट में आगे कहा गया है कि पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार की ओर से बताया गया कि अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
प्रेस नोट में कहा गया है कि इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं, जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है, जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले। बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेहतर यात्रा प्रबंधन पर पर सरकार के हैं ये दावे
-केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
-पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
-यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
-यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
-यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
-ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
-स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
-यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
-49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है चारधाम यात्राः सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक, सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
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