चार धाम यात्रा अब हुई शुरू, गंगोत्री में स्थानीय व्यापारियों और पुरोहितों को थमाया पानी का छह माह का बिल
पिछले साल भी चारधाम यात्रा आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित थी। तब भी स्थानीय तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों के साथ गंगोत्री में रहने वाले अन्य लोगों को बिजली और पानी के बिल थमाए गए थे। कपाट बंद होने के दौरान गंगोत्री में मंदिर समिति के कुछ कर्मचारी और साधु संत ही प्रशासन की अनुमति लेकर रहते हैं। इस साल भी कोरोना के चलते चारधाम यात्रा बंद थी। ऐसे में स्थानीय व्यापारियों का व्यापार चौपट रहा। अब हाईकोर्ट की ओर से यात्रा पर प्रतिबंध को हटाया गया तो 18 सितंबर को आम लोगों के लिए सीमित संख्या में यात्रा शुरू की गई। यात्रा शुरू होते ही स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों को पानी के बिल भेजने शुरू कर दिए हैं।
ऐसा ही एक बिल तीर्थ पुरोहित सत्येंद्र सेमवाल को मिला। इसमें पानी का बिल 5656 रुपये छह माह की अवधि का भेजा गया है। वहीं, पिछला बकाया 5271 रुपये भी इसमें जोड़ा गया है। अभी सितंबर का महीना चल रहा है, लेकिन बिल अक्टूबर माह तक का भेजा गया है। गौरतलब है कि पिछले साल भी बिलों के विरोध में गंगोत्री में साधु संत, तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने आंदोलन किया था। साथ ही जिला प्रशासन से बिलों को माफ करने को कहा गया था। उनका तर्क है कि जब यात्रा बंद थी, तो पानी और बिजली के बिलों का क्या औचित्य है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यात्रा न चलने से हुए नुकसान के मद्देनजर एक तरफ सरकार उन्हें सहायता देने की बार बार घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिजली और पानी के बिल भेजकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।