Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 24, 2025

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में बदलाव, मुगल दरबार का इतिहास सहित निराला और सुमित्रानंदन पंत की कविता हटी

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, हिंदी और सिविक्स में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों को लेकर एनसीआरटी ने 2022 में जानकारी दे दी थी, लेकिन इन बदलावों को अब लागू किया जाएगा। दरअसल कोरोनाकाल के कारण NCERT के किए बदलावों को लेकर नई पुस्तकें प्रकाशित नहीं हो पाईं थी। अब नए शैक्षणिक सत्र 2023 -24 में इन्हें लागू किया जाएगा। बदलावों के साथ ही नई पुस्तकें भी जल्द उपलब्ध होंगी। पाठ्यक्रम में हुआ नया बदलाव देशभर में उन सभी स्कूलों में लागू होगा जहां NCERT की किताबें पढ़ाई जाती हैं। वहीं, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का गीत, विष्णु खरे और सुमित्रानंदन पंत की कविता भी कोर्स से हट गई। खैर ना तो इसकी साहित्यकारों को चिंता होनी है और ना ही जनता पर कोई असर पड़ने वाला है। क्योंकि, अब देश के लोग सवाल उठाना ही भूल गए हैं। इसलिए जो चल रहा है, उसे चलने ही दिया जाए। जब लोगों को बढ़ती महंगाई को लेकर, बेरोजगारी को लेकर चिंता नहीं है, तो बच्चों के कोर्स को लेकर किस बात की चिंता होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इतिहास में हटे ये चैप्टर
एनसीईआरटी ने 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव के तहत 12वीं के छात्र मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ेंगे। सीबीएसई बोर्ड और यूपी बोर्ड ने इतिहास की किताबों से मुगल साम्राज्य पर आधारित चैप्टर को हटा दिया है। फिलहाल नई प्रकाशित किताब दुकानों पर नहीं आई हैं। 12वीं की एनसीईआरटी किताब में हिस्ट्री पार्ट 2 में प्रकाशित किंग्स एंड क्रॉनिकल्स चैप्टर के 30 पन्नों को एनसीईआरटी के नए प्रकाशन के लिए हटा दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके पेज नंबर 225 के पहले पैराग्राफ में सोलहवीं शताब्दी के दौरान, यूरोपियनों ने भारतीय शासकों का वर्णन करने के लिए मुगल शब्द का इस्तेमाल किया। पिछली शताब्दियों में इस शब्द का बार-बार प्रयोग किया जाता रहा है, यहां तक कि रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक के युवा नायक मोगली नाम भी इसी से लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं पेज नंबर 236 में जानकारी दी गई है कि अकबर ने फतेहपुर सीकरी को करीब से देखा था। इसका एक कारण यह हो सकता है कि सीकरी अजमेर की सीधी सड़क पर स्थित था, जहां शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया। मुगल बादशाहों ने चिश्ती सूफियों के साथ गहरे रिश्ते बनाए। अकबर ने सीकरी में शुक्रवार की मस्जिद यानी जामा मस्जिद के बगल में शेख सलीम चिश्ती के लिए एक सफेद संगमरमर के मकबरे का निर्माण शुरू किया। विशाल प्रवेश द्वार बुलंद दरवाजा को गुजरात में मुगल जीत की याद दिलाने के लिए बनवाया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिविक्स की किताब से हटा ये चैप्टर
सिविक्स की किताब से ‘यूएस हेजेमनी इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स और ‘द कोल्ड वॉर इरा’ को हटा दिया गया है।
राजनीति शास्त्र से हटा जन आंदोलन का उदय
इसी के साथ राजनीति की किताब से ‘जन आंदोलन का उदय ‘हटा दिया गया है। इसमें कांग्रेस , सोशलिस्ट, कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में पढ़ाया जाता था।
हिंदी से भी हटे कई गीत
हिंदी की किताब से कई गीत हटाए गए हैं। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का गीत ‘गाने दो मुझे ‘हटा दिया गया है। विष्णु खरे की कविता ‘ सत्य’ को भी हटा दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कवि सुमित्रानंदन की कविता भी कोर्स से हटी
उत्तराखंड के कवि सुमित्रा नंदन पंत को अब कक्षा 11वीं के छात्र नहीं पढ़ पाएंगे। उनकी कविता ‘वे आंखें’ पूरा पाठ ही नए सत्र 2023-24 के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसके अलावा मीराबाई का ‘पग घुंघरू बांधि मीरा नाची’ और कबीर का ‘संतो देखत जग बौराना’ पद भी हटा दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा 12वीं कक्षा की कंप्यूटर साइंस की पाइथन किताब में सीक्वेंशियल क्वेरी लैंग्वेज (एसक्यूएल) हटाया गया है। भारत के महान कवि और लेखकों को स्कूलों की किताबों में शामिल किया जाता है। ताकि, बच्चे उनके बारे में जान सकें, लेकिन शैक्षिक स्तर में लगातार बदलाव होने की वजह से महान लेखक और कवि की रचनाएं पाठ्यक्रम से हटाई जा रही हैं। कबीर, मीरा और सुमित्रा नंदन पंत को बरसों से छात्र पढ़ते आ रहे हैं, लेकिन अब इनकी रचनाएं पाठ्यक्रम से हटाए जाने से नई पीढ़ी इन्हें कैसे जानेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कौसानी में हुआ था पंत का जन्म
सुमित्रा नंदन पंत का जन्म उत्तराखंड के कौसानी में हुआ था। उनके पिता गंगा दत्त पंत एक जमींदार थे। पंत का बचपन कौसानी गांव में ही बीता। कौसानी गांव की प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से महात्मा गांधी ने इसे भारत का ‘स्विट्जरलैंड’ कहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यह चैप्टर हटाए गए
हिंदी 12वीं
आरोह भाग-2
– काव्य खंड :
गजानन माधव मुक्तिबोध – सहर्ष स्वीकारा
फिराक गोरखपुरी – गजल
– गद्य खंड –
चार्ली चैप्लिन यानी हम सब (पूरा पाठ)
रजिया सज्जाद जहीर – नमक (पूरा पाठ)
वितान भाग-2 – एन फ्रैंक – डायरी के पन्ने (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हिंदी 11वीं
आरोह भाग-1
– काव्य खंड
कबीर (पद-2) संतो देखत जग बौराना
मीरा (पद-2) पग घुंघरू बांधि मीरा नाची
रामनरेश त्रिपाठी पथिक (पूरा पाठ)
सुमित्रा नंदन पंत – वे आंखें (पूरा पाठ)
गद्य खंड
कृष्णनाथ – स्पीति में बारिश (पूरा पाठ)
सैयद हैदर रजा – आत्मा का ताप (पूरा पाठ) (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केमिस्ट्री 12वीं
सॉलिड स्ट्रेट
सरफेस केमिस्ट्री
आइसोलेशन ऑफ एलिमेंट्स
पी ब्लॉक एलिमेंट्स
पॉलिमर्स
केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ
केमिस्ट्री 11वीं
स्ट्रेट ऑफ मैटर
हाइड्रोजन
एस ब्लॉक एलिमेंट्स
पी ब्लॉक एलिमेंट्स
एनवायरमेंटल केमेस्ट्री
साइंस कक्षा छह
फूड वेयर डज इट कम फॉर मी
फाइबर टु फैब्रिक
वेदर
गार्बेज इन गार्बेज आउट

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page