राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन का नाम बदला, शैली तो मुगल, फारसी और ब्रिटिश वाली
राष्ट्रपति के आधिकारिक घर, राष्ट्रपति भवन के बगीचे को अब अमृत उद्यान, के नाम से जाना जाएगा। अब तक मुगल गार्डन के नाम से विख्यात इस उद्यान के नाम को बदलने का फैसला लिया गया है। अमृत उद्यान का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू रविवार 29 जनवरी को करेंगी। अब सवाल उठता है कि मुगल गार्डन का नाम तो बदल दिया, लेकिन इसकी शैली का क्या करोगे। क्योंकि मुगल गार्डन का निर्माण मुगल, फारसी और ब्रिटिश शैली का संगम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के 75 साल पूरे होने के समारोह के अवसर पर, भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन उद्यानों को अमृत उद्यान के रूप में एक सामान्य नाम दिया है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर दोनों नामों का उल्लेख अभी देखा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वेबसाइट के अनुसार अमृत उद्यान अब तक केवल वार्षिक उत्सव, उद्यान उत्सव के दौरान जनता के लिए खोला जाता था। जो फरवरी-मार्च के महीनों में आयोजित होता था, लेकिन अब ये आम लोगों के लिए अगस्त से लेकर मार्च महीने तक खुला रहेगा। अमृत उद्यान जम्मू और कश्मीर में स्थित मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों और यहां तक कि भारत और फारस के लघु चित्रों से प्रेरणा लेता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुगल, फारसी और ब्रिटिश शैली का संगम
लेडी हार्डिंग्स के आदेश पर तैयार किया गया मुगल गार्डन मुगलों की चार बाग शैली की तर्ज पर चार भागों में बंटा है। करीब 13 एकड़ में फैले इस गार्डन की डिजाइनिंग में छोटे-बड़े बगीचे बनाए गए हैं, जिनमें तितलियों की बहुत सारी वैराइटी देखने को मिलती हैं। इसमें दो छोटी नहरें मौजूद हैं, जिनमें एक पूरब से पश्चिम और दूसरी उत्तर से दक्षिण दिशा की तरफ बहती है। राष्ट्रपति भवन के पिछले हिस्से में बनाए गए इस बगीचे में मुगल, फारसी और ब्रिटिश शैली का संगम देखने को मिलता है। इसका निर्माण साल 1912 से 1929 के बीच किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार को होगा नए नाम से उद्यान का उद्घाटन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की डिप्टी प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने शनिवार को एक बयान में इस नए नामकरण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश की आजादी के 75 सालों को लेकर चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव सेलिब्रेशन के मौके पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के सभी बगीचों को अमृत उद्यान का एक कॉमन नाम दिया है। नविका गुप्ता ने बताया कि नए नाम वाले अमृत उद्यान का उद्घाटन राष्ट्रपति मुर्मू रविवार 29 जनवरी को करेंगी. इसके बाद 31 जनवरी से 26 मार्च तक दो महीने के लिए यह उद्यान आम जनता के लिए खुला रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुलाब की 135 किस्मों का घर है मुगल गार्डन
राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन नई दिल्ली को डिजाइन करने वाले वास्तुकार एडविन लुटियन ने डिजाइन किया था। इसमें फव्वारे, छोटी नहरें, फूलों के कारपेट, सजावटी पेड़-पौधों से लेकर 33 तरह की जड़ी-बूटियां तक संरक्षित की गई हैं। मुगल गार्डन की सबसे बड़ी खासियत यहां गुलाब की 135 से ज्यादा किस्मों के फूल मौजूद होना है। इनमें लाल, पीला, काला, नीला, सफेद, जामुनी रंग आदि के गुलाब शामिल हैं। इनके कारण ही यह बगीचा पूरी दुनिया में मशहूर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आम जनता को मिलता है साल में एक बार देखने का मौका
मुगल गार्डन को साल में एक बार दो महीने के लिए आम जनता के लिए खोला जाता है। हर साल यह गार्डन फरवरी और मार्च महीने में आम जनता के लिए खुला रहता है। अब ये आम लोगों के लिए अगस्त से लेकर मार्च महीने तक खुला रहेगा। यहां जनता को बिना किसी शुल्क के फ्री एंट्री दी जाती है। इस दौरान गार्डन के फूलों को देखने के लिए पूरे देश से लोगों की भीड़ दिल्ली जुटती है। मुगल गार्डन के लिए आम जनता को राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 से एंट्री दी जाती है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।