वित्त मंत्री के साथ बजट पूर्व बैठक को केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने बताया मजाक, वायकॉट का निर्णय
बजट पूर्व श्रमिक संगठनों से चर्चा को लेकर वित्त मंत्री केसाथ आहूत बैठक का केंद्रीय श्रमिक संगठनों के मंच ने बहिष्कार करने का निर्णय किया है। उन्होंने इस बैठक को श्रमिकों के साथ मजाक बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ डिजिटल तरीके से यह बैठक 28 नवंबर को होनी है। दस श्रमिक संगठनों के इस मंच ने वित्त मंत्री के साथ आमने-सामने की बैठक करने और उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त वक्त देने की मांग की है। बोलने के लिए कम समय मिलने को श्रमिक संगठनों ने भद्दा मजाक करार दिया। बजट से पहले उस पर मंथन हर साल होने वाली प्रक्रिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि सुझाव देते हैं और बजट के लिए अपनी मांगें रखते हैं। मंच ने शुक्रवार को भेजे पत्र में लिखा है कि इस संदर्भ में 25 नवंबर 2022 को भेजी गई ईमेल से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रत्येक केंद्रीय श्रमिक संगठनों को केवल तीन मिनट तक बोलने की अनुमति दी जाएगी। यह एक मजाक है और हम इस तरह के घटिया मजाक का हिस्सा बनने से इनकार करते हैं। हम 28 नवंबर, 2022 को प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले शुक्रवार को भी इस मंच ने पत्र भेजकर वित्त मंत्रालय को कहा था कि कोविड संबंधी पाबंदियों में पूरी तरह से छूट मिलने के बावजूद इस बैठक को डिजिटल तरीके से बुलाने पर हम निराश हैं। उस पर भी 12 से अधिक श्रमिक संगठनों को विचार-विमर्श के लिए महज 75 मिनट का वक्त दिया गया है। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक संगठन को अपनी बात रखने के लिए पांच मिनट से भी कम वक्त मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद, शुक्रवार को मंच को वित्त मंत्रालय से पत्र मिला, जिसमें कहा गया कि प्रत्येक केंद्रीय श्रमिक संगठन को अपने सुझाव रखने के लिए तीन मिनट का वक्त दिया जाएगा। इस पत्र के जवाब में एक और पत्र भेजकर मंच ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होने और उसका बहिष्कार करने का निर्णय किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंच ने वित्त मंत्रालय से कहा कि वह प्रत्यक्ष बैठक करने पर फिर से विचार करे, जिसमें श्रमिक संगठनों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया जाए। मंच में शामिल दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों में इंटक, एटक, टीयूसीसी, सेवा, एचएमएस, सीटू, एआईसीसीटीयू, एलपीएसफ, एटक और यूटीयूसी शामिल हैं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) समेत देश में लगभग 12 केंद्रीय श्रमिक संगठन हैं। बीएमएस संयुक्त मंच का हिस्सा नहीं है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




