उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करे केंद्र सरकार, जनहानि पर जारी हो श्वेत पत्रः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आपदाग्रस्त उत्तराखंड की घोर उपेक्षा कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए श्री केदारनाथ और श्री बदरीनाथ जी की माला जपने वाले, केदार धाम में आ कर धुनी रमाने वाले प्रधानमंत्री आज संकट की घड़ी में इन धामों समेत सारे उत्तराखंड को भूल गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी या तो बिहार चुनाव में व्यस्त हैं, या विदेशों के दौरे कर रहे हैं। भयंकर आपदाओं से जूझ रहे उत्तराखंड की सुध लेने को उन्होंने ना तो अपने किसी वरिष्ठ मंत्रिमंडलीय सहयोगी को उत्तराखंड भेजा, ना ही किसी केंद्रीय दल को। धस्माना ने कहा कि आज राज्य के सभी पर्वतीय जिले आपदाओं से बदहाल हैं। उत्तरकाशी में धराली, हर्षिल, यमुनोत्री, सियानाचट्टी, यमुनोत्री, गंगोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग भयंकर आपदा की चपेट में हैं। धराली और हर्षिल में बड़ी जनहानि हुई है। लोगों के घर, होटल, दुकान पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चमोली जिले के थराली, देवाल व बद्रीनाथ में भी आपदा से जान माल कि बड़ी हानि हुई है। यही हाल रुद्रप्रयाग जिले का है। पौड़ी जनपद का बड़ा हिस्सा आपदाग्रस्त है। जिले में अनेक लोगों की मौत आपदा में हुई है। कुमाऊं मंडल में भी पिथौरागढ़ जनपद में आपदा से नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे पूरे उत्तराखंड को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करें। साथ ही तत्काल केंद्री सरकार का एक दल उत्तराखंड भेज कर यहां हुए नुकसान व जनहानि का आंकलन किया जाए। ताकि राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त निगरानी में उत्तराखंड में राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण का कार्य होना चाहिए। उन्होंने कि 2013 में केदारनाथ आपदा के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने आपदा ग्रस्त क्षेत्र में तत्काल उच्च अधिकार प्राप्त केंद्रीय दल भेजा था। साथ ही केंद्र सरकार ने राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 21 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया था।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।