केंद्रीय एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग, सत्ताधारी दल के भ्रष्ट नेताओं पर कब होगी कार्रवाईः कांग्रेस
उत्तराखंड कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से सवाल किया कि सत्ताधारी दल बीजेपी के भ्रष्ट नेताओं पर कब सरकारी एजेंसियों की ओर से कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में देहरादून में पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी रहे कांग्रेस नेता एवं देहरादून निवासी राजीव जैन के घर के साथ ही अन्य ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। इसे लेकर ही उत्तराखंड काग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा दसौनी ने कहा कि एक प्रदेश में दोहरे मापदंड नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सत्तारूढ़ दल भाजपा के कई नेताओं पर बहुत गंभीर आरोप लगे, लेकिन कभी किसी नेता या पदाधिकारी के घर पर ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स की रेड क्यों नहीं पड़ी। दसोनी ने कहा उदाहरण के तौर पर उत्तराखंड सरकार में काबीना मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोप लगे। इतना ही नहीं, उद्यान घोटाले की जांच कर सीबीआई ने उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला होने की बात कही। देहरादून में निर्माणाधीन सैन्य धाम में भी जमकर भ्रष्टाचार होने के तथ्य शासन और सरकार के सामने रखें गए, लेकिन गणेश जोशी पर कभी कोई जांच नहीं बैठी? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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उन्होंने कहा कि देहरादून में भाजपा के निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा पर मेयर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर अपनी संपत्ति में बीस गुना बढ़ोतरी किए जाने का आरोप लगे। हर बार की तरह उन पर भी कोई जांच नहीं हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि हद तो तब हो गई जब यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेणु बिष्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में क्राइम स्पॉट, यानी जहां हत्याकांड को अंजाम दिया गया, साक्ष्य और सबूत मिटाने के लिए उसी को बुलडोजर से गिराने का काम किया। विधायक का वह कृत्य उत्तराखंड की समूची जनता ने देखा। वह अपराधिक कृत्य था, परंतु रेनू बिष्ट का कोई बाल बांका भी ना कर पाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कतई यह न समझा जाए कि कांग्रेस गलत के साथ है और किसी को बचाने की कोशिश कर रही है। गरिमा ने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी ने अवैध तरीके से धनोपार्जन किया है या कानून की नजर में कोई भी गलत काम किया है, तो उसको सजा होनी चाहिए। इसके साथ ही जो सत्ता में बैठे लोग हैं, उन्हें यह समझना होगा कि मानक एक ही होने चाहिए। फिर चाहे वह सत्ता में बैठे भ्रष्ट नेता हों या विपक्ष में बैठे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की बात करने वाली भाजपा कम से कम वन नेशन वन रूल्स एंड रेगुलेशन तो लागू कर ही सकती है। दसौनी ने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों होता है कि जब-जब चुनाव होता है, तभी तनाव भी होता। चुनाव के दौरान ही छापेमारी क्यों होती है। अब स्थानीय निकाय के चुनाव हैं, तो फिर वही हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। साथ ही विपक्षी दल के नेताओं के दमन की शुरुआत की जा रही है। ताकि विपक्ष को जनता की नजरों में बदनाम किया जा सके और दुष्प्रचार कर सत्ता पर कब्जा किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा की केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स का मनमाने तरीके से उपयोग कर रही है। अपने नेताओं की मगरमच्छ जैसी गलती भी धृतराष्ट्र बनकर सरकार माफ कर रही है। विपक्षी दल के नेताओं की चींटी बराबर गलती को भी बड़ा चढ़ाकर जनता के सामने परोस रही है। दसौनी ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि जिस सरकार को महिला अस्मिता की रक्षा करनी चाहिए थी, आज वह नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले अपने ही दल के लोगों को संरक्षण दे रही है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।