1-उषा प्रात पुष्प था बहुत खिला हुआ जैसे लोहित आसमान का सूरज पृथ्वी पर उतर रहा हो नदी सागर की...
युवमंच
नए कलेवर में वह प्रत्येक अंधकार से लड़ा है और वर्षों से निर्विकार खड़ा है उमस, तपन, धुप, बरखा, सर्द...
उसका शिखर से गिरना पसंद है थके हुए शरीर और संकल्पवान उम्मीद के साथ बंजर और दरकती धरती पर उसने...
हम सब मिलकर दीप जलाएँ इस दिवाली नव दीप जलाएं मन के आँगन को महकाएं। मन के तम को दूर...
भारतीय सेना ही, इस धरा की शान है। प्रवीर सब सेनानी हैं, वसुन्धरा की आन हैं। साहसी पराक्रमी कर्मनिष्ठ हैं...
अब न होगी फिर वो मस्ती और वो चिल्लाना। ख़त्म हुआ कॉलेज, अब न होगा फिर कॉलेज जाना।। याद आएगा...
समय समय यूँ ही बीत रहा है दिन यूँ ही गुजर रहा है। मंजिल का कुछ पता नहीं है साँसें...
मैं इंसान कैसा हूँ, इसका कोई भी मसला नहीं। गर्ज़ निकल जाए, तो फ़िर ख़ुदा भी भला नहीं।। थोड़ा अड़ियल...
वो आया राजनीति में जनसेवा तो बस एक बहाना था। उसको भी तो पाँच सालों में अकूत दौलत कमाना था।1।...
लिखने को तो मैं भी लिख सकता हूँ सच्ची झूठी कहानी। आओ मैं सुनाता हूँ तुमको हकीक़त अपनी ज़ुबानी।। हमको...