दोस्ती दोस्ती कोई कली नहीं गुलाब कीजो खिले और मुरझा जाए!दोस्ती कोई बूंद नहीं शराब कीजो चढ़े और उतर जाए...
नारी मंच
आंसुओं मे डूबी हैदेखिए कलम अपनीअपने सद्प्रयासों मेहै कहां कमी अपनी । डूबने कहां जाए गहरे गहरे पानी मेसूख ग...
उत्तराखंड देवभूमि तो है ही। साथ ही वीर यौद्धाओं और वीरांगनाओं की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। कहीं न कहीं...
----माता के दरबार में-----अम्बे भवानी मातातू जग से निराली हैमाता के दरबार मेंआया सवाली है। नौ दिन नौ रात तेरेपूजन...
विषय ― भरोसाविधा ― छंद मुक्त बने झूठ के बडे पुलिंदे ,अंधकार सब ओर है ।झूठे रिश्ते ,झूठे नाते ,भ्रम...
सुरलोक से भी अनुपम जिसकी महिमा गाई जाती है, वही पंच बद्री, पंच केदार, गंगोत्री, यमनोत्री, पंचनाम देवों की पावन...