ये तो होना ही था, दून में कांग्रेस और किसान यूनियन नेताओं पर मुकदमा, इन पर नहीं पड़गी कभी नजर
जैसा कि जगजाहिर है कि खुद की फजीहत और दूसरों को नसीहत। ये कहावत कोरोनाकाल में हर दिन चरितार्थ हो रही है। भाजपाई यदि सड़कों पर उतरें तो न तो वे पुलिस को दिखते हैं और न ही प्रशासन को। हां इतना जरूर है कि विपक्षी दलों के लोग जरूर दिख जाते हैं और मुकदमा दर्ज करने में जरा भी देर नहीं लगती। आठ दिसंबर को किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद के दौरान प्रदर्शन करने पर देहरादून में पुलिस ने कांग्रेस और किसान यूनियन के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले सात दिसंबर को आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भी सीएम आवास कूच करने के दौरान मुकदमा दर्ज किया गया था।
फोटोः कहां हैं सबके मास्क, कहां है शारीरिक दूरी।
हम ड्यूटी को पूरी कर्तव्य और निष्ठा से करेंगे। किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। शायद इसी तरह की शपथ पुलिस को भी दिलाई जाती है, लेकिन भेदभाव तो सारे जगह नजर आ रहा है। उद्घाटन और शिलान्यास के मौकों पर तो शारीरिक दूरियां तार तार हो रही हैं। वहीं, ऐसे नेताओं की भी कमी नहीं, जो इन मौकों पर मास्क तक हटाकर फोटो खिंचवाते हैं।
फोटोः अधिकांश के मास्क मुंह से नीचे, शारीरिक दूरी भी नहीं।
ऐसा नहीं है कि विपक्षी दल दूध के धुले हैं। अधिकांश दलों के नेताओं ने तो मास्क लगाने की बंद कर दिए। चाहे वे किसी भी दल के हों। पक्ष में हों या विपक्ष में। जो नेता प्रदेश और देश की बागडोर अपने हाथों में रखने के सपने संजोते हैं। यदि वही नियमों को तोड़ें तो देश की कानून स्थिति का क्या होगा, ये चिंता का विषय है। पत्रकार वार्ता, धरने प्रदर्शन और अन्य आयोजनों के खिलाफ नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
फोटोः तस्वीर में सिर्फ एक ने ही नियमानुसार मास्क लगाया। क्या किसी के खिलाफ मुकदमा हुआ?
ये हैं नियम
नियम सबको पता हैं, फिर भी एक बार फिर लोकसाक्ष्य की ओर से कोरोना के नियमों को यहां लिखा जा रहा है। ताकी राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के नेताओं के साथ ही वे अधिकारी भी अपने समाज के प्रति कर्तव्य को समझें, जो मास्क लगाने में लापरवाही बरत रहे हैं। ये नियम हैं कि जब तक कोरोना की दवा नहीं आ जाती, तब तक दो गज की दूरी, किसी व्यक्ति और वस्तु को स्पर्श के करने बाद हाथों को साफ करना, नाक व मुंह को मास्क से ढकना जरूरी है।
पुलिस का डंडा
देहरादून में नगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नेतृत्व में किसानों के भारत बंद के समर्थन में रैली निकाली। ये रैली बगैर अनुमति के निकाली गई। रैली घंटाघर और पलटन बाजार क्षेत्र में निकाली गई। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, अनुप कपूर, मोहन भंडारी, कांग्रेस किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी, एताद खान, सुमित्र भुल्लर, नवीन जोशी, राजेन्द्र शाह, कमर खान, गरिमा दशोनी, शांति रावत, अनिता तिराला, प्रमिता बडोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्लेमंटाउन थाने में भी मुकदमा
क्लेमंटाउन थाने में भारत बंद के दौरान आरटीओ चेक पोस्ट मोहब्बेवाला में चक्का जाम पर प्रदर्शन करने पर भारतीय किसान यूनियन के साथ ही भीम आर्मी के करीब 35 से 40 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमें में किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, उपाध्यक्ष राजू मलिक, प्रदेश प्रवक्ता संदीप चौहान, अरूण शर्मा, संरक्षक सुशील मलिक, प्रवक्ता रमेश चौहान, संगठन मंत्री चमन सिंह, भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष अर्जुन, कार्यकर्ता रोहित कुमार सहित 20 से 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।