पंजाब में कैप्टन अमरिंदर की कुर्सी को खतरा, विधानमंडल दल की बैठक आज, सोनिया से बोले कैप्टन-अपमान के साथ नहीं रह सकता पार्टी में
पंजाब कांग्रेस की खींचतान में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकों की चिट्ठी को स्वीकार करते हुए पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्वीकार कर लिया है।

उधर, शनिवार को होने वाली विधायकों की अहम बैठक से पहले पंजाब के मुख्यंमत्री अमरिंदर सिंह का ‘दर्द’ झलक आया। सूत्रों के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि-इस तरह के अपमान के साथ वह कांग्रेस में नहीं रह सकते हैं। सूत्रों का कहना कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि इस तरह का अपमान काफी हो चुका. यह तीसरी बार हो रहा है। मैं इस तरह के अपमान के साथ पार्टी में नहीं रह सकता।
उधर पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने कहा कि पार्टी में कई अंदरुनी मसले हैं। पार्टी के कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पंजाब कांग्रेस में कोई समस्या नहीं है। मैं समझता हूं कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों के विचार सुने जाने चाहिए। इसमें क्या समस्या।
पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेदों के बीच शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक चंडीगढ़ में होगी। कहा गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) ने पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आहूत की है। एआईसीसी के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात इसकी जानकारी दी। हरीश रावत ने ट्वीट किया है कि कांग्रेस के तमाम विधायकों ने एआईसीसी से पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक तुरंत बुलाने का अनुरोध किया था। इसी कवायद में पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर को शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
पंजाब कांग्रेस के सभी विधायकों से बैठक में शामिल होने की गुहार लगाई जा रही है। इस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को आना अनिवार्य किया गया है। यह बैठक पंजाब कांग्रेस के मुख्यालय पर बुलाई गई है। इसमें पर्यवेक्षक के तौर पर हरीश रावत और अजय माकन भी संभवतः उपस्थित होंगे। हरीश रावत ने इस खबर के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को भी टैग किया। पिछले महीने पंजाब के 4 मंत्रियों और कई विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष के सुर ऊंचे किए थे। विधायकों ने कहा था कि उन्हें अब इस बात का भरोसा नहीं है कि अमरिंदर सिंह में अधूरे वादों को पूरा करने की क्षमता है।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह के खेमे के बीच लामबंदी लगातार जारी है। दोनों खेमों की ओर से लगातार आ रहे बयान ये संकेत देते हैं कि विवाद अभी थमा नहीं है। सिद्धू पंजाब सरकार पर अधूरे चुनावी वादों को पूरा करने के लिए लगातार मुहिम चलाते रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।