अपने भाई की संस्था के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दिए जांच के आदेश, सवाल- क्या सब कुछ ठीकठाक है
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उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सतपाल महाराज ने अपने भाई की संस्था के खिलाफ आई शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महाराज के परिवार में सब कुछ ठीकठाक है। या फिर ये एक राजनीति का हिस्सा है। कारण है कि सतपाल महाराज के भाई भोले महाराज और उनकी पत्नी माता मंगला समाज सेवा के क्षेत्र में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। दोनों ही सरकार की मदद के साथ ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। चाहे एंबुलेंस सेवा हो या फिर दूसरे कार्य। कारोनाकाल में उनकी संस्था ने स्वास्थ्य उपकरण से लेकर एंबुलेंस और अन्य राहत सामग्री तक सरकार को उपलब्ध कराए। उनकी संस्था मदद को हमेशा आगे रहती है। अब कैबिनेट मंत्री की ओर से अपने ही परिवार के सदस्यों की ओर से चलाई जा रही संस्था की जांच के आदेश देने पर कई सवाल खड़े होते हैं। इन सवालों का जवाब शायद वही बता सकते हैं। बताया गया है कि संस्था पर प्राचीन मंदिर को क्षति पहुंचाने का आरोप लगा। ऐसे में मंत्री सतपाल महाराज ने प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट मंत्री के मीडिया प्रबंधन की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, प्रदेश के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तरकाशी जनपद में विकासखंड मोरी के अन्तर्गत सोमेश्वर महादेव के प्राचीन मन्दिर को हंस फाउंडेशन की ओर से क्षति पहुंचाने की मंदिर समिति की ओर से शिकायत की गई। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए मंत्री ने धर्मस्व सचिव को पूरे मामले की जांच के निर्देशित दिये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने धर्मस्व सचिव से कहा है कि जनभावनाओं के अनुरूप उक्त मन्दिर को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हुए प्राचीन मंदिर के संरक्षण हेतु सभी तरह के उपाय किए जाएं। सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जयवीर सिह रावत और सह सचिव राम लाल विश्वकर्मा सहित कई लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज से लिखित शिकायत की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस शिकायत में कहा गया कि जनपद उत्तरकाशी के ब्लाक मोरी के ग्राम पचायत जखोल में स्थित पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर 22 गांवों की आस्था का केन्द्र है। मंदिर में वर्ष 1861 से धरोहर के रुप में बहुत ही सुन्दर मूर्ति बनी है। यह मंदिर पांडव काल के समय से ही यथावत है। शिकायती पत्र में बाकायदा हंस फाउंडेशन का नाम लेते हुए मंदिर को कुछ गैर कानूनी संस्थाओं की ओर से नव निर्माण के नाम पर तोडे जाने की बात कहते हुए इसके संरक्षण की बात कही गई है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।