कैबिनेट मंत्री महाराज ने किया जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण, सीएम को किया फोन
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प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने आपदा प्रभावितों से बातचीत की। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष पर वार्ता की। साथ ही उन्होंने पूरी वस्तुस्थिति से सीएम को अवगत कराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जोशीमठ स्थित सिंहधार, नरसिंह मंदिर, गांधीनगर, जेपी कॉलोनी (मारवाड़ी) आदि स्थानों में भू-धसाव की जद में आए मकानों और भवनों के निरीक्षण करने के साथ साथ नगर पालिका और गुरुद्वारे में चल रहे राहत शिविरों की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने आपदा से प्रभावित एक परिवार के कई-कई लोगों के एक ही कमरे में रहने को लेकर कहा कि जिन अधिकारियों की वहां पर जरूरत है, केवल वही जोशीमठ में रुकें ताकि भू-धसाव से प्रभावित ऐसे परिवारों को कमरे मिल सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराज ने कहा कि सरकार द्वारा 50-50 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी गई है। क्षति का आंकलन करने के बाद सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में इस आपदा से निपटने का सरकार हर संभव प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जिस प्रकार से जोशीमठ को लेकर मीडिया में खबरें आ रही है, उसे सुनकर पर्यटकों ने अधिकांश बुकिंग कैंसिल कर दी है। उन्होंने प्रोटोकॉल से आह्वान करते हुए कहा कि जोशीमठ को छोड़कर उत्तराखंड में सभी स्थान सुरक्षित हैं। सरकार औली में होने वाले विंटर गेम्स को संपन्न कराने का भी प्रयास करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराज ने कहा कि आपदा का सरकार पूरा विश्लेषण कर रही है। एक और जहां राज्य सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरा विश्वास दिलाया है कि वह प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करेंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री महाराज के साथ पूर्व मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी, ऋषि प्रसाद सती, कुलदीप वर्मा, गजेन्द्र रावत, दर्शन सिंह दानू, मनोज भण्डारी, वीरेन्द्र असवाल, महावीर रावत और पंकज डिमरी आदि मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस रूप में आई आपदा
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई थी। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में प्रभावित परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने कहा था कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 5000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही प्रभावितों को फौरी सहायता के रूप में डेढ़ लाख रुपये दिए जा रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।