Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 16, 2025

कोरोना से मौत और कोरोना उपचार के बीच बिजनेस भी जारी

हिमालयी राज्यों में कोरोना का कहर थमने में नहीं आ रहा है और मौत के आंकड़े भयावह बने हुए हैं। लाकडाउन के 217 दिन बाद भारत में 79 लाख से अधिक कोरोना मरीज दर्ज हुए हैं और कोरोना से 1 लाख 19 हजार से अधिक मौत हो चुकी हैं। अमेरिका में कोरोना मौत का आंकड़ा 2 लाख 25 हजार पार कर चुका है।

हिमालयी राज्यों के हाल
हिमालयी राज्यों का हाल जाने तो जम्मू कश्मीर में 92 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं और सबसे ज्यादा मौत 1444 हो चुकी हैं। असम में भले ही कोरोना मामले 2 लाख चार हजार को पार कर गए हैं लेकिन गनीमत है कि मौत 908 हुई हैं। त्रिपुरा में कोरोना मामले 30 हजार से पार हैं, लेकिन कोरोना मौत 344 हुई हैं। मणिपुर में 17 हजार से अधिक मामले आये हैं और मौत 144 दर्ज हुई हैं। अरूणाचल प्रदेश में कोरोना के मामले 14 हजार से ज्यादा हैं लेकिन मौत 35 हुई हैं। मेघालय, मिजोरम व नागालैंड में कोरोना के मामले दस हजार से नीचे हैं और मौत भी सौ से नीचे हैं।
मिजोरम एक मात्र ऐसा राज्य है जहां कोरोना से अभी तक कोई मौत दर्ज नहीं हुई है और यहां मामले मात्र 2493 और एक्टिव केस मात्र 281 हैं। सिक्किम में हालात नाजुक है। काफी समय तक यह राज्य कोरोना के प्रकोप से बचा हुआ था, लेकिन आज 3835 मामलों में 65 मौत भी दर्ज हो चुकी हैं।

उत्तराखंड में मौत का आंकड़ा 1001 पार
मौजूदा सूरते हाल में उत्तराखंड में कोरोना का प्रभाव बना हुआ है और लाकडाउन के 217 दिन बाद यहां 60 हजार सात सौ से अधिक कोरोना के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। मौत का आंकड़ा चार अंकों में 1001 हो चुका है। इसके अतिरिक्त 475 कोरोना पीडि़त प्रदेश से बाहर जा चुके हैं और इनके ठीक होन या न होने की कोई खबर कोरोना बुलेटिन में जाहिर नहीं की जाती है।
हिमाचल प्रदेश कोरोना का कहर थमा हुआ लगता है। अब तक वहां कोरोना के 20 हजार 586 मामले आये हैं और 293 मौत दर्ज हुई हैं। एक्टिव मामले 2511 के आसपास हैं। कोरोना मरीज का पता टेस्ट करने से चलता है और ऐसे ही कोरोना से सौ प्रतिशत मुक्ति मिलने की सूचना भी कोरोना के रिपीट टेस्ट से मिलती है। ऐसा देखने में आ रहा है कि जितने मरीज कोरोना से रिकवर हुए बताये जा रहे हैं, उतनी संख्या में रिपीट टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं।

टेस्ट में झोल
जैसे कल रिपीट टेस्ट मात्र 288 हुए, लेकिन कोरोना से राहत पाने वालों की संख्या 700 बतायी गई है। इस प्रकार कोरोना बुलेटिन में रिपीट टेस्ट की संख्या कुल 17 हजार 869 है, लेकिन कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 55 हजार 188, लगभग तीन गुना है।
साफ है कि कोरोना से ठीक होने वाले कोरोना के वाहक हैं या नहीं, कहना नामुमकिन है। भले ही आईसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से वो ठीक बताये जा रहे हैं। अगर कोरोना पीडि़त तीन दिन बुखार और अन्य लक्षण न दिखाये और उसके शरीर में आक्सीजन 95 प्रतिशत से ज्यादा है तो उसे ठीक माना जा रहा है यानि रिपीट टेस्ट की अनिवार्यता समाप्त की गई है ताकि हास्पीटलों में भीड़ का दबाव कम रहे।
फिर भी कोरोना की दवा के बिना ठीक हो रहे मरीजों के बारे में संशय रहना स्वाभाविक है क्योंकि जब दवाई नहीं है तो हास्पीटल में मरीज को रखने का बड़ा लाभ नहीं है। दिल्ली और अन्य राज्यों में उत्तराखंड की तरह होम क्वारंटीन शुरू हो चुका है।

चालान करना गैर जरूरी
नवंबर के पहले सप्ताह से स्कूलों को खोलने का कार्यक्रम है और सिनेमाहाल, पार्क, बार, शादी ब्याह ओर बाजारों में भीड़ भाड़ काफी देखी जा रही है। लाखों लोगों का कोरोना की वजह से चालान हुआ है और सरकार के खजाने में करोड़ों रूपयों का राजस्व आया है। आज के हालात में कोरोना बीमारी के लिए नागरिकों का चालान करना गैर जरूरी और अनैतिक सा नज़र आ रहा है, क्योंकि अनलाक की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।

टीका आया भी नहीं और बना चुनावी मुद्दा
कोरोना का टीका आना अभी बाकि है और फरवरी 2021 से पहले इस की संभावना भी नहीं है, लेकिन बिहार को कोरोना का टीकाा सबसे पहले मिलेगा यदि वहां एनडीए यानि जेडीयू और भाजपा की सरकार फिर से सत्ता में लौटती है। यानि कोरोना अब चुनावी मुद्दा भी बना हुआ है जिसने लाख से अधिक जान और करोड़ों लोगों की नौकरी और अरबों खरबों का आर्थिक नुक्सान पिछले सात माह में पहुंचा दिया है।
उत्तराखंड की स्थिति
कल मात्र 368 कोरोना मामले सभी जनपदों में दर्ज किए गए हैं और लगता है कि हजार तक रोज जाने वाला मरीजों का सैलाब अब थम गया हैं। हालात यह भी है कि कोरोना के टेस्ट पैंडिंग हो कर अब 16 हजार 953 तक पहुंच गया है। स्पष्ट है कि कम टेस्ट होने पर कम कोरोना के मरीज दर्ज होंगे ,लेकिन जिन लोगों के सैंपल पैंडिंग रखे गए हैं – उनके सिर पर तो तलवार लटकी हुई है।
पहली बार कुमायूं मंडल में 11 हजार 670 कोरोना सैंपल पैंडिंग हुए हैं – उधम सिंह नगर 4947, चंपावत 3116 और नैनीताल में 2692 टेस्ट पैंडिंग चल रहे हैं। दूसरी ओर गढ़वाल मंडल में 5283 सैंपल पैंडिंग हैं। देहरादून 1527, टिहरी 1312 और पौड़ी जनपद में 675 टेस्ट पैंडिंग हो गए हैं।

भूपत सिंह बिष्ट
स्वतंत्र पत्रकार, उत्तराखंड

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page