नहर में गिरी बस, 48 शव बरामद, सीएम ने कार्यक्रम किए स्थगित, मृतक आश्रितों को पांच लाख मुआवजे का एलान
मध्य प्रदेश में मंगलवार की सुबह सीधी से सतना जा रही यात्रियों से भरी बस बाणसागर की नहर में गिर गई। हादसे में अब तक 48 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। राहत और बचाव कार्य दिन भर चलता रहा। सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने बताया अब तक बाणसागर नहर से 48 शवों को बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि बस को भी नहर से बाहर निकाल लिया गया है और इसमें अब एक भी शव नहीं है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद सात लोग तैरकर सुरक्षित नदी से बाहर आ गये हैं। मोदी ने कहा-मध्य प्रदेश के सीधी में बस दुर्घटना भयावह है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत कार्य में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। इस हादसे के कारण मुख्यमंत्री ने गृह प्रवेश योजना का कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा कि आज हम बड़े उत्साह से 1लाख 10 हजार घरों में गृह प्रवेश का कार्यक्रम संपन्न करने वाले थे, लेकिन सवेरे 8:00 बजे ही मुझे यह सूचना मिली सीधी जिले में बाणसागर की नहर में शारदा पाटन गांव में यात्रियों से भरी एक बस गिर गई। उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सीधी में बस दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है। गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी।
सीएम के अनुसार बाणसागर की नहर काफी गहरी है। तत्काल बांध से पानी बंद करवाया। राहत और बचाव दलों को रवाना किया। कलेक्टर, एसपी, एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना की गई । हाइड्रा क्रेन सारे संसाधन पहुंचे हैं, बस निकालने के प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के बयान के अनुसार एंबुलेंस डॉक्टर बाकी सभी व्यवस्थाएं वहां पहुंच चुकी हैं। हमारी भरसक कोशिश यह है कि हम अपने भाई बहनों को बचा पाए, लेकिन ऐसी परिस्थिति में मेरा भी पूरा दिमाग शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा उन्हीं यात्रियों में लगी हुई है। इसलिए आज कार्यक्रम करना उचित नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि तुरंत राहत और बचाव कार्य कार्य करने वाली टीम के संपर्क में सुबह 8 बजे से हूं, कुछ साथी बचाए जा चुके हैं। कोशिश यह है कि अपने भाई बहनों को सुरक्षित बचा पाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
दुखद सूचना ओम् शान्ति