बसपा सुप्रीमो मायावती का अपने जन्मदिन पर ऐलान, किसी अलायंस के साथ नहीं करेंगे गठबंधन

आज 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन है। इस अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोगों को फ्री राशन का झांसा दिया। राशन देकर गुलाम बनाया जा रहा है। इसके सात ही मायावती ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा एलान किया है। उन्होंने इंडिया और एनडीए दोनों अलायंस में जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा अलायंस में वोट ट्रांसफर नहीं होता। हमारी पार्टी लोकसभा के आमचुनाव अकेले ही लड़ेगी। मायावती ने कहा कि हम इंडिया अलायंस में शामिल नहीं होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बसपा चीफ ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी। हमारी पार्टी लोकसभा के आमचुनाव अकेले इसलिए लड़ती है, क्योंकि इसकी कमान एक दलित के हाथों में है। हालांकि, मायावती ने पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था और 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अबकी बार मायावती ने इंडिया गठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोकसभा आम चुनाव अकेले लड़ेगी। हम किसी गठबंधन में नहीं जाएंगे। साल 2007 की तरह हमारी पार्टी लोकसभा में भी बेहतर परिणाम देगी। हमारी पार्टी का सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ में है। गठबंधन करने पर हमारा वोट तो उन्हें मिल जाता है। मगर उनका वोट ख़ासकर सवर्ण वोट हमें नहीं मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मायावती ने कहा कि गठबंधन में चुनाव लड़ने से बसपा को नुकसान होता है। देश की अधिकांश पार्टियाँ बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं। मायावती यह संभावना भी जता रही हैं कि ईवीएम का सिस्टम कभी भी खत्म हो सकता है। बसपा चीफ ने कहा कि अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजे लाते है तो यही मेरे लिए गिफ्ट होगा। इस मौके पर मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी गिरगिट की तरह रंग बदलने का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि हमने यूपी में अपनी पार्टी के नेतृत्व में चार बार रही। सरकार के दौरान सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय पर ध्यान दिया। खासतौर पर आदिवासी, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और मुस्लिमों के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं। दूसरी पार्टियों ने उनकी नकल करके, थोड़ा नाम बदलकर उसे भुनाने को कोशिश की, लेकिन जातिवादी होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार लोगों को गरीबी बेरोजगारी से मुक्ति दिलाने के बजाय थोड़ा सा मुफ्त राशन बांटकर गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। हमने अपनी सरकार के दौरान लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का मौका भी दिया, लेकिन वर्तमान में यह होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आग में राजनीति कर रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।