Video:नैनीताल में भीषण अग्निकांड, ब्रिटिशकालीन कोठी हुई राख, दमकल में पानी हुआ खत्म
नैनीताल में भीषण अग्निकांड से ब्रिटिशकालीन ऐतिहासिक भोज कोठी जलकर राख हो गई। आग की लपटें इतनी तेज थी कि साढ़े तीन घंटे तक भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जिस नैनीताल नगरी में एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक पानी की झील है, वहीं दमकल के लिए पानी कम पड़ गया। नतीजन आग को थामना मुश्किल प्रतीत को रहा है। रात आठ बजे से लगी आग पर सवा ग्यारह बजे तक भी काबू नहीं पाया जा सका।
मल्लीताल इलाके में मेलरोज में ब्रिटिशकालीन कोठी भोज है। इसके बगल में ही कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रो. पीसी तिवारी की कोठी है। इन दोनों कोठियों में आग की लपटें इतनी तेज थी कि आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर पीसी तिवारी के घर पर रात करीब आठ बजे अचानक आग लगी और आसपास के लगों को तब पता चला जब आग की लपटें छत को जलाती हुई बाहर आ गई। इससे बाद आग ने अंग्रेजों के समय की भोज कोठी को चपेट में ले लिया। ये भवन भी जलकर राख हो गया। इस भवन में तीन परिवार रहते थे। उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
इन दिनों पीसी तिवारी परिवार के साथ हल्द्वानी गए हैं। इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई। उनका घर पूरी तरह जलकर राख हो गया। सूचना पर भी ब्रिगेड की गाड़ी लेट पहुंची और उसमें पानी की भी कमी थी। यहां सवाल खड़ा होता है कि वीआइपी शहर में ही अग्निशमन के प्रबंधन इतने लचर हैं। दमकल में पानी की कमी ऐसे शहर में देखी गई, जो शहर झील के किनारे बसा है। समाचार लिखने तक आग पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा था।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।