फिर लुढ़क गया थाली में बैंगन, अजीत पवार समर्थक विधायकों के साथ पहुंचे राजभवन, बने डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल हो चुकी है। या कहें तो थाली में बैंगन दोबारा से लुढ़क गया है। एनसीपी नेता अजित पवार एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए। उन्होंने आज ही डिप्टी सीएम की शपथ ली। अजित पवार के पास 29 से ज्यादा विधायकों का समर्थन का दावा किया जा रहा है। अजीत के साथ कई एनसीसी विधायक भी मंत्री बनाए गए। इनमें अजीत पवार के घुर विरोधी छगन भुजबल भी शपथ लेने वालों में शामिल हैं। इनके साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित बीजेपी के कई नेता व मंत्री राजभवन पहुंच गए थे। राजभवन में कुर्सियां सज गई थी। कुर्सियों को देख कर अंदाजा लगाया जा रहा है कि आठ से नौ एनसीसी के नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले अजित पवार का राजनीतिक चरित्र हमेशा से ही संदिग्ध रहा है। वह पहले भी एनसीपी नेता अजीत पवार 80 घंटे के लिए बीजेपी के साथ हो गए थे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर 2019 को अचानक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सबको चौंका दिया था। उनके साथ राष्ट्रवादी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। 80 घंटे के बाद ही अजीत पवार वापस एनसीसी में लौट गए थे। पहली बार तब बैंगन लुढ़का था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज रविवार दो जुलाई को अपने आवास पर समर्थक विधायकों के साथ अजीत पवार ने बैठक की। इसके बाद वह राजभवन के लिए रवाना हो गए हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में काम करने का अवसर नहीं दिए जाने के बाद अजित असंतुष्ट हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस सप्ताह की शुरुआत में राकांपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उनके इस्तीफे के मामले पर चर्चा की और पार्टी नेताओं ने कहा कि अंतिम निर्णय दो महीने में लिए जाने की संभावना है। इससे पहले 25 जून को उनके चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि पार्टी अजित पवार की मांग पर फैसला लेगी। पवार उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरों से इनकार कर चुके हैं। वहीं, अब उनके साथ प्रफूल्ल पटेल भी हैं। मौजूदा समय एनसीसी के पास 54 विधायक हैं। इनमें बताया जा रहा है कि 29 विधायक अजीत पवार के साथ हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार, दो जुलाई को ही महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार के निवास पर पार्टी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में पार्टी के दोनों कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद सुप्रिया सुले वहां से निकल गई। वहीं, बैठक खत्म होने के बाद अजित पवार घर से सीधे राजभवन के लिए निकल गए। हालांकि, अजीत पवार बार बार झूठ बोलते रहे कि वे बीजेपी में नहीं जा रहे हैं। घिनौनी राजनीति में ये सब जायज है। महाराष्ट्र में तोड़फोड़ की राजनीति जो 2019 से देखने को मिल रही है, वह आज भी जारी है। पहले शिवसेना टूटी अब एनसीपी भी टूट गई। अजीत पवार के घोर विरोधी प्रफूल्ल पटेल भी उनके साथ शामिल हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां ये भी बताना जरूरी है कि भ्रष्टाचार को लेकर अजीत पवार पर कई आरोप हैं। बीजेपी में जाने के बाद धुलाई मशीन से ऐसे आरोप खत्म हो जाते हैं। फिर ऐसे लोग दूध के धूले हो जाते हैं। सरकार में शामिल होने वालों में कई नेता ऐसे हैं, जिनके यहां ईडी ने छापे मारे। ऐसे में समझ जाना चाहिए कि किस तरह के लोगों को अपनी तरफ मोड़ा जाता है। याद कीजिए पीएम मोदी का बार बार दिया जाने वाला भाषण, भ्रष्टाचारियों को जगह जेल में हैं। पर यहां तो ऐसे सब लोग बीजेपी में जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब जनता से सवाल
क्या आप इस तरह के दलबदलुओं को समर्थन करोगे। या फिर झूठ बोलने वालों का तिस्कार कर उन्हें सबक सिखाओगे। हम झूठ इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि आज सरकार में शामिल होने वाले सभी लोग पहले क्या बयान दे चुके हैं, उसे भी ध्यान में रखें। आपने यदि किसी को वोट किया या समर्थन दिया तो वह दूसरे दल में जाएगा तो आपका तो वोट खराब हो चुका है। ऐसी राजनीति करने वालों को सबक सिखाने को तैयार रहें। चाहे वो किसी भी दल का हो। वहीं एनसीपी ने दावा किया कि जो गए हैं उनमें से 80 फीसद लोग वापस लौटेंगे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।