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December 13, 2024

सरकार की नाक के नीचे रिश्वत का खेल, सचिवालय में तैनात सिंचाई विभाग का समीक्षा अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार की नाक के नीचे ही रिश्वतखोरी का खेल चल रहा था। इसे विजिलेंस टीम ने बेनकाब करते हुए सिंचाई विभाग के एक समीक्षा अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार की नाक के नीचे ही रिश्वतखोरी का खेल चल रहा था। इसे विजिलेंस टीम ने बेनकाब करते हुए सिंचाई विभाग के एक समीक्षा अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। वर्तमान में प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है, लेकिन सरकारी विभागों में ले देकर काम कराने के सारे हथकंडे चालू है। हद देखिये कि अपने ही विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी के लंबित पड़े भुगतान के बदले में अंडर टेबल गैर कानूनी तरीके से पैसे मांगे गए। सिंचाई विभाग से कनिष्ठ अभियंता पद से सेवानिवृत्त अधिकारी से 75 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सचिवालय के सिंचाई अनुभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी को विजिलेंस टीम ने सचिवालय के गेट से गिरफ्तार किया।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि 25 फरवरी को शिकायतकर्ता कृष्ण चंद्र अग्रवाल ने शिकायत दी कि उनके पिता महेश चंद्र अग्रवाल सिंचाई विभाग के मनेरी भाली परियोजना से कनिष्ठ अभियंता के पद से अप्रैल 2008 को सेवानिवृत्त हुए थे। स्टोर से संबंधित कुछ मदों में सामान की कमी के चलते उनकी ग्रेच्युटी रोकी गई। इसमें वर्ष 2013 में कटौती की गई। कटौती के संदर्भ में शिकायतकर्ता ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दाखिल की। ट्रिब्यूनल ने शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय दिया। निर्णय के खिलाफ सिंचाई विभाग की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने भी शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय दिया व स्पष्ट किया कि पीड़ित को देय धनराशि का शीघ्र भुगतान की जाए।
कोर्ट के आदेश के बाद 22 फरवरी 2022 को सचिवालय में सिंचाई विभाग के अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने शिकायतकर्ता को फोन किया। अनुभाग अधिकारी अनिल कुमार ने उन्हें भुगतान किए जाने के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण जानने के लिए 24 फरवरी को सचिवालय बुलाया। शिकायतकर्ता अपने बेटे कृष्ण चंद्र अग्रवाल के साथ सचिवालय पहुंचे। वहां अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित व समीक्षा अधिकारी केपी थपलियाल से मुलाकात हुई। उन्होंने कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल न करने व देय भुगतान कराने के लिए शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की मांग की। बाद में उनके बीच 75 हजार रुपये पर बात तय हो गई।
शिकायतकर्ता ने सोमवार शाम को अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने समीक्षा अधिकारी केपी थपलियाल को रिश्वत की रकम लेने के लिए सचिवालय गेट पर भेजा। ट्रैप लगाई विजिलेंस की टीम ने आफिसर्स कालोनी रेसकोर्स व मूल निवासी ग्राम पलास, नई टिहरी निवासी कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल को कृष्ण चंद्र अग्रवाल से 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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