राज्य कर्मचारियों के अरमानों पर फिर लगा ब्रेक, नहीं हो पाई शासन के साथ बैठक, अब नई तिथि का इंतजार
उत्तराखंड राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की समस्या के समाधान के प्रयास परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। करीब दो साल से राज्य कर्मचारी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। दो बार तो वे राज्यव्यापी हड़ताल का भी ऐलान कर चुके हैं, लेकिन ऐन वक्त पर सरकार उन्हें मना लेती है। इस दौरान शासन के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कर चुके हैं। साथ ही दो से ज्यादा बार सीएम धामी से भी मिल चुके हैं। कई बार सचिवालय कूच, जिला मुख्यालय स्तर पर प्रदर्शन, गेट मीटिंगों का आयोजन किया जा चुका है। हर बार सरकार आश्वासन का झुनझुना पकड़ा देती है। एक बार फिर से राज्य कर्मचारियों की समस्याओं पर शासन स्तर पर गठित समिति की बैठक में चर्चा की संभावना थी। ये बैठक आज मंगलवार को होनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर बैठक स्थगित कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, राज्य के कार्मिकों की विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश पर अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) की अध्यक्षता में गठित समिति की एक अति महत्वपूर्ण बैठक आज 25 अप्रैल 2023 को अपराह्न 4 बजे अपर उनके कार्यालय कक्ष में आहूत की गई है। इसमें उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के पदाधिकारियों को भी बतौर सदस्य आमंत्रित किया गया था। ऐन वक्त पर आज बैठक स्थगित कर दी गई। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने बैठक स्थगन की सूचना दी, लेकिन इसका कारण अपरिहार्य कारण बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अरूण पाण्डे ने बैठक स्थगित होने से पहले कहा था कि उक्त बैठक में कर्मचारी हितों के समस्त प्रकरणों को लेकर चर्चा कर समाधान के प्रयास होंगे। इस बैठक में 10,16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत पद का ग्रेड वेतन सहित एसीपी, पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था पुनः बहाल किए जाने, वाहन चालकों को स्टाफिंग पैटर्न के अन्तर्गत 4800 ग्रेड वेतन, चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों हेतु वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैटर्न सहित अन्य कई महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा होगी। साथ ही इनका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। अब कर्मचारी संगठन को बैठक की अगली तिथि का इंतजार है।

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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।