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July 10, 2025

वेबीनार में वनस्पति वैज्ञानिक ने कोरोना से लड़ने को औषधीय पादपों और उनके गुण की दी जानकारी

उत्तरकाशी स्थित राम चंद्र उनियाल राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में कोरोना जागरूकता अभियान के अंतर्गत गूगल मीट माध्यम से एकदिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।

उत्तरकाशी स्थित राम चंद्र उनियाल राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में कोरोना जागरूकता अभियान के अंतर्गत गूगल मीट माध्यम से एकदिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का शीर्षक “कोरोनकाल में प्रतिरोधक क्षमतावर्धन में कारगर स्थानीय औषधीय पादपों का परिचय” रहा। इसमें विभिन्न कॉलेज के छात्र-छात्राओं, महाविद्यालयों के प्राध्यापकों सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सविता गैरोला ने किया। साथ ही कहा कि वर्तमान समय में कोविड 19 से बचाव के विश्वस्तर पर औषधीय पादपों के बढ़ते उपयोग एवं स्थानीय स्तर पर इसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से covid appropriate behaviour प्रदर्शित करने का भी। इससे इस महामारी से लड़ा जा सके और इसे हराया जा सके।
इस अवसर पर प्रमुख वक्ता महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र परमार ने स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाली औषधीय पादपों का परिचय देते हुए उनके अलग – 2 चिकित्सीय महत्व एवं प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ने वाले उनके प्रभावों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने स्थानीय वनस्पति गंद्रायाण (चोरा), कुटकी ( कडवी/ कोडाई) अमिल (लेह बेर्री अथवा सीबक थोर्ने) निम्बू , लेमन घास, आंवला, अदरक, हल्दी, तुलसी, गिलोय, दालचीनी, तेजपात, निम्बू अदरक पोदीना व तेजबल (टिमरू) आदि के वानस्पातिक विवरण के साथ साथ उनका उपयोग करने की विधी, सेवन की मात्रा, काढा बनाने की विधी, भाप लेने का तरीका व सभी के गुण दोष की विस्तृत चर्चा की। साथ साथ अपने घर में किचन गार्डन की तरह हर्बल गार्डन लगाने की अपील की।
उन्होंने सुझाव दिया कि किचन गार्डन में तुलसी, पुदीना, हल्दी, अलोएवेरा, क्लेम ग्रास,अदरक, निम्बू,आंवला, गिलोय, अरचा, चोरा आदि को लगाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है व एलोपथिक दवा के साइड इफेक्ट केसाथ साथ लाखो रुपये से भी बचा जा सकता है।
डॉ. परमार ने ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने वाले पोधे जैसे अमिल, पोदीना अजवाइन से काढा व भाप लेने पर भी व्याख्यान दिया व विटामिन सी के अछे स्रोत के लिए निम्बू, आंवला व अमिल खाने की अपील भी की। इस मौके पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डीडी पैन्यूली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापिका प्रो. वसन्तिका कश्यप, डॉ. हरीश, एनसीसी अधिकारी डॉ. आकाश चंद्र मिश्र, डॉ. रिचा बधानी, डॉ. आराधना चौहान, डॉ. रीना शाह, राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ से डॉ. अशोक कुमार आदि प्राध्यापकगण एवं छात्र छात्राएं ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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