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April 18, 2025

भाजपा के डबल इंजन ने बढ़ाया प्रदेश के पर्वतीय जिलों से पलायन, कांग्रेस ने दिया हर समस्या के समाधान का भरोसा: महर्षि

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने प्रदेश के पर्वतीय जिलों से हुए पलायन के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा की नाकामी से राज्य के 1700 गांव भुतहा हो चुके हैं।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने प्रदेश के पर्वतीय जिलों से हुए पलायन के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा की नाकामी से राज्य के 1700 गांव भुतहा हो चुके हैं। यह नितांत शर्मनाक है, जबकि भाजपा डबल इंजन का ढोल बजा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य पलायन आयोग की रिपोर्ट खुद कहती है कि एक हजार गांव और ऐसे हैं जहां सौ से कम लोग रह गए हैं।
इसी रिपोर्ट पर भरोसा करें तो साफ है कि अब तक 3900 गांवों से लोगों का पलायन हो चुका है और देश की सेकेण्ड डिफेन्स लाइन कहे जाने वाले गांवों से लोगों का पलायन गंभीर विषय है। पलायन आयोग की ही रिपोर्ट कहती है कि करीब पर्वतीय क्षेत्रों की 60 फीसद आबादी यानी 32 लाख लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों के हमले और आतंक के चलते लोग न सिर्फ खेती से विमुख हुए, बल्कि पलायन के लिए भी मजबूर हुये हैं।
उन्होंने कहा कि चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों से पलायन की मुख्य वजह वन्य जीवों का आतंक ही रहा है। बीते पाँच साल के दौरान भाजपा की डबल इंजन सरकार ने इस समस्या के समाधान की दिशा में ज़रा भी कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि बीते पाँच साल में अकेले अल्मोड़ा जिले से 85 गांव जनशून्य हो गए हैं। पौड़ी में यह संख्या सौ से अधिक है। चमोली, टिहरी, बागेश्वर की स्थिति भी भिन्न नहीं है। पहाड़ के तमाम गांवों में भालू, बंदर, जंगली सूअर और बाघ के कारण लोगों का टिकना दूभर हो रहा है और लोग जीवन बचाने के लिए अन्यत्र आश्रय ले रहे हैं।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि दस मार्च के बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 6.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कृषि की जा रही है। इसमें 3.50 लाख हेक्टेयर पर्वतीय और 2.98 लाख मैदानी क्षेत्र के अधीन हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 14.25 लाख परिवार रह रहे हैं। इसमें 8.81 लाख (61.84 प्रतिशत) परिवारों की आजीविका खेती किसानी पर निर्भर है। लेकिन पर्वतीय खेती को भाजपा ने कभी तवज्जो नहीं दी। कांग्रेस इस तस्वीर को बदलेगी।
महर्षि ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा उत्तराखण्ड में गंभीर समस्या है। आलवेदर रोड के निर्माण का जो मलबा जहां तहां डाला जा रहा है, उससे प्रदेश की बेशकीमती वन सम्पदा का नुकसान हुआ है। यहाँ तक कि देश के आक्सीजन भंडार कहे जाने वाले उत्तराखण्ड के लाखों पेड़ पौधे नष्ट हो गए हैं। उसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। इस राष्ट्रीय क्षति के लिए सीधे तौर पर डबल इंजन का दावा करने वाली भाजपा दोषी है।
राजीव महर्षि ने कहा कि उत्तराखंड साहसिक पर्यटन के केंद्र के रूप में उभर रहा था। ऋषिकेश से कौड़ीयाला और कुमाऊं में काली नदी पर राफ्टिंग की संभावनाओं पर भाजपा ने ब्रेक लगाया है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के मानकों का पालन करवाने के साथ राज्य सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन भाजपा पूरे पाँच साल तक सोई रही। उन्होंने कहा कि इन तमाम विसगतियो को कांग्रेस सरकार बनने के बाद दूर किया जाएगा। कांग्रेस कोई ऐसा रास्ता निकालेगी जिससे एनजीटी के नियमों का पालन भी हो और लोगों का रोजगार भी सुरक्षित रहे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि सिर्फ एक माह का कष्ट बाकी है। मार्च के बाद हर समस्या का समाधान किया जाएगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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