भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने नहीं मांगी माफी, बयान लिया वापस, सीएम ने मांगी माफी, हरीश रावत बोले- माफी लायक नहीं

उत्तराखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की जुबान ऐसी फिसली कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बुढ़िया बोल दिया। अब ये मामला कांग्रेस को मुद्दा बनाने के लिए मिल गया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया की ओर से पूछे जाने पर कहा कि इस मामले में जरूरत पड़ी तो वह भगत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराएंगी। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्विट कर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से माफी मांगी। उन्होंने ट्विट किया-आदरणीय @IndiraHridayesh बहिन जी आज मैं अति दुखी हूँ । महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हँ जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूँगा व पुनः क्षमा याचना करूँगा। वहीं, भगत ने इस मामले में कहा कि वे अपना वापस लेते हैं। भगत ने इस मामले में माफी नहीं मांगी और बयान वापस लेने की घोषणा की।
इन दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत प्रदेश के दौरे पर हैं। उनका यह दौरान सभी 70 विधानसभाओं के लिए है। दौरे के दूसरे चरण में वे भीमताल में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा था कि भाजपा के कई विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। भाजपा में टूट निश्चित है। इस बयान को लेकर भाजपा के कई नेताओं ने पलटवार किया। आज इसी बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की जुबान फिसल गई।
भीमताल में कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कह रही हैं कि भाजपा के पांच विधायक उनके संपर्क में हैं। मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस का जहाज डूब रहा है। ऐसे में डूबते जहाज में जाने के लिए एक बुढ़िया से कौन संपर्क करेगा।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि इस तरह की बात करने वालों को पहले अपने दिमाग का परीक्षण करा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराएंगी।
बोले हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस संबंध में सोशल मीडिया में पोस्ट डाली कि- सार्वजनिक जीवन में शब्दों की गरिमा का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। यदि शब्द किसी महिला को संबोधित कर या महिला को इंगित कर कहे जा रहे हों, उसमें किसी भी प्रकार की चूक माफी के लायक नहीं होती है। फिर यदि जानबूझकर के आप कुछ अभद्र बात, अभद्र तरीके से कर रहे हों तो फिर ऐसे व्यक्तियों के विषय में सोचना पड़ता है कि ये लोग सार्वजनिक जीवन के लायक हैं या नहीं!
हरीश रावत ने आगे लिखा- श्री बंशीधर भगत जी ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के विषय में जिस अमर्यादित ढंग से टिप्पणी की है, मैं उसकी निंदा करता हूं। और भाजपा की संस्कृति का यह निम्नतम स्वरूप है, शायद भाजपा भी अपने अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर शर्मिंदा होगी।
भगत ने किया ट्विट
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने अपना बयान वापस लेने की घोषणा की। ये अलग बात है कि उन्होंने अपने बयान पर कोई खेद नहीं जताया। उन्होंने ट्विट किया कि- कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री,नेता प्रतिपक्ष @IndiraHridayesh जी प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है। उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था। अगर उन्हें क्षति पहुँची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूँ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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