बीजेपी शासित राज्यों का हालः गुजरात के जूनागढ़ में पुलिस पर हमला, एक मौत, मणिपुर में थाने में लूट की कोशिश, महाराष्ट्र भी पीछे नहीं
इन दिनों पूरे देश का माहौल खराब है। हालांकि, पीएम का 20 से 25 जून तक पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिश्र के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान प्रचारित किया जाएगा कि भारत का विदेशों में डंका बज रहा है। वहीं, हकीकत देखनी हो तो देश के बीजेपी शासित राज्यों की हालत देख लो। हर दिन सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, मणिपुर तीन मई से जल रहा है, लेकिन इस पर चर्चा करने वाला कोई नहीं है। वहीं, अब खबर है कि गुजरात के जूनागढ़ में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। उधर, मणिपुर में थाने में लूट की कोशिश की गई। सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाई गई हैं। उधर, महाराष्ट्र राज्य भी पीछे नहीं है। यहां औरंगजेब और टीपूर सुल्तान के मुद्दे पर दो पत्र आमने सामने हैं। अब ऐसे में भारत की विदेशों में क्या छवि बनेगी, ये तो सोचनीय प्रश्न है। क्योंकि पिछले दो तीन दिन में मणिपुर दो मंत्रियों के घर भी भीड़ ने जला दिए थे। इन सब जगह बीजेपी की सरकारें हैं। वहीं, कर्नाटक में हाल ही में हुए चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी सभाओं में जो बात कही थी, वह बीजेपी के लिए ही फिट बैठ रही है। तब अमित शाह ने कहा था कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आई तो राज्य ‘दंगों से पीड़ित’ हो जाएगा। शाह बेलागवी जिले के तेरदल में एक प्रचार रैली में बोल रहे थे। गृह मंत्री ने भीड़ से कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में केवल “तुष्टिकरण की राजनीति” लाएगी। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नहीं चुनी गई तो विकास “रिवर्स गियर” में चला जाएगा। केवल बीजेपी ही राज्य को एक नए कर्नाटक की ओर ले जा सकती है। यही नहीं, उत्तराखंड में भी लव जिहाद के नाम पर कई दिनों तक उत्तरकाशी जिले में तनाव वाली स्थिति बनी रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जूनागढ़ में अवैध दरगाह को हटाने को लेकर बवाल
गुजरात के जूनागढ़ में अवैध दरगाह को हटाने को लेकर बीती रात जमकर बवाल हुआ। जूनागढ़ के मजेवाड़ी इलाके में दरगाह को हटाने के नोटिस के बाद पहुंची पुलिस पर हिंसक भीड़ ने हमला बोल दिया। भीड़ ने पुलिस को देखते ही पथराव कर दिया और निजी और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरगाह को लेकर बवाल इतना बढ़ गया था कि भीड़ ने गाड़ियों में भी आग लगा दी। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। इलाके में मामले को लेकर भारी तनाव को देकते हुए पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है, जिससे स्थिति को काबू में किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डीएसपी घायल, एक व्यक्ति की मौत
भीड़ के हमले में डीएसपी समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा वासमसेट्टी ने बताया कि प्रथम दृष्टया हिंसक भीड़ के पथराव से एक नागरिक की मौत हुई है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि असल वजह क्या थी। मामले में 174 लोगों से पूछताछ की गई है। तनाव के चलते फिलहाल मजेवाड़ी गेट के पास पूरे इलाके में पुलिस का काफिला तैनात कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक जूनागढ़ के मजेवाड़ी गेट स्थित दरगाह को जूनागढ़ नगर निगम द्वारा 5 दिनों के भीतर दस्तावेज पेश करने का नोटिस दिया गया था। बीते दिन नोटिस का विरोध करने वहां करीब 600 लोग जमा हुए थे। पुलिस उन्हें सड़क जाम नहीं करने के लिए समझा रही थी, तभी रात करीब 10 बजे भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस पर एसिड की बोतलों और पत्थरों से भी हमला किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। यहां तीन मई से जातिगत हिंसा हो रही है। इस पर डबल इंजन भी काम नहीं आ रहा है। वहीं, मणिपुर की सही खबरें भी मीडिया में नहीं पहुंच पा रही हैं। खबरें भी एक दिन बाद या कई घंटों के बाद ही मीडिया को मिल रही हैं। इंफाल शहर में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच शुक्रवार को रातभर हुई झड़पों में दो नागरिक घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस और सेना के सूत्रों ने बताया कि कल रात संघर्षग्रस्त मणिपुर के क्वाथा और कांगवई इलाकों से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई और आज सुबह तक रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें आ रही हैं। भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी की कई घटनाओं की भी सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि इंफाल में भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के घर जलाने की भी कोशिश की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकारियों के मुताबिक, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी होने की खबर है। सुरक्षाबलों पर भी फायरिंग की खबर है। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। अधिकारियों के अनुसार, दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल(आरएएफ) ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूत्रों ने बताया कि लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। अधिकारियों के मुताबिक, आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। उन्होंने बताया कि इंफाल में भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश भी की। हालांकि, आरएएफ की टुकड़ी ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, भीड़ ने सिंजेमाई में मध्य रात्रि के बाद भाजपा कार्यालय का घेराव किया, लेकिन वह उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकी, क्योंकि सेना ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी नेताओं और मंत्रियों को बनाया जा रहा निशाना
इसी तरह, इंफाल में आधी रात के करीब पोरमपेट के पास भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने भीड़ को खदेड़ दिया। मणिपुर के इंफाल में गुरुवार 15 जून रात भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर आग लगा दी। अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने न्यू चेकऑन में भी दो घर फूंक दिए थे। इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यही नहीं, मंगलवार 13 जून को अचानक की गई गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हो गए हैं। इस दौरान शरारती तत्वों ने खमेनलोक गांव के कई घरों में भी आग लगा दी। तामेंगलोंग जिले के गोबाजंग में भी कई लोगों के घायल होने की सूचना मिली। मणिपुर में इस वक्त हालात काफी तनावपूर्ण हैं। राज्य में 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है, जबकि इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई थीं। जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। हिंसा में 1700 घर जले और 50,000 लोग विस्थापित हो चुके है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराष्ट्र में फिर औरंगजेब
सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाने को लेकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर और अहमदनगर के बाद 15 जून को लातूर में बवाल छिड़ गया था। लातूर जिले के किल्लारी गांव में एक शख्स ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर के साथ स्टेटस बना रखा था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लातूर में शख्स की ओर से सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाने को वहां के हिंदू संगठनों ने इसे भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने गुरुवार 15 जून को एक मोर्चा निकालकर दुकानों को बंद करवा दिया था। पुलिस ने हिंदू संगठनों से बातचीत कर बवाल को बढ़ने से रोका। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोल्हापुर और अहमदनगर में बवाल के बाद हुई गिरफ्तारियां
सोशल मीडिया पर औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तस्वीर शेयर करने के मामले में कोल्हापुर और अहमदनगर में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इन मामलों में अब तक 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की चीजों से सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होता है। इससे बचने के लिए ये गिरफ्तारियां की गई हैं।
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