सत्ता की राजनीति के बजाय सेवा है भाजपा का सिद्धांतः भंडारी
उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के धर्मपुर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश महामंत्री भाजपा राजेन्द्र भंडारी ने भाजपा इतिहास और विकास विषय पर बोलते हुए कहा कि भाजपा की स्थापना ही अखंड भारत के निर्माण के लक्ष्य को लेकर हुई है देश मे ऐसा कोई अन्य दल नही है जो इस परिकल्पना को लेकर देश मे राजनीति करते हैं। अन्य दलों व भाजपा ये स्पष्ट अंतर है कि भाजपा सत्ता को प्राप्त करने की राजनीति के बजाय सेवा ही संगठन है के सिद्धान्त की राजनीति करती है। यही विचार लेकर भाजपा प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से एक सामान्य कार्यकर्ता को प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छा नेता बनाने का कार्य करते हैं।
भंडारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की भारतीय जनता पार्टी का विचार राष्ट्र जागरण का विचार है। भाजपा का कार्य विश्व मे भारत माता की जय जय करना है। जिस कार्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बखूबी कर रहे हैं। उन्होंने पंडित दीनदयाल उद्धरण देते हुए कि उनका स्पष्ट किया कि हमने जो राजनीतिक पार्टी बनाई है, वो सत्ता कब्जाने के लिए नहीं है। बल्कि राष्ट्र को मजबूत और अंत्योदय के विचार को देश मे स्थापित करना है। प्रशिक्षण मात्र दो दिन की बैठक नहीं, बल्कि प्रशिक्षण का उद्देश्य है सर्व समाज को साथ लेकर भारत माता की सेवा के कार्य को आगे बढ़ाना है ।
प्रदेश महामंत्री ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा देश का दुर्भाग्य रहा कि 1947 से भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर जितने भी दल आये हैं, उन्होंने राष्ट्र जागरण और राष्ट्र की मजबूत न्यू के लिए एक ही प्रशिक्षण वर्ग नहीं लगाया। भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है, जो निरंतर राष्ट्र जागरण और राष्ट्र को विश्व में राष्ट्र गुरु बनाने का कार्य कर रही है। भारतीय जनता पार्टी व्यक्तित्व निर्माण करके उसके अंदर राष्ट्र निर्माण की लोह प्रज्वलित करती है।
भाजपा कार्यकर्ता व्यक्ति को छोड़कर संगठन के निर्माण में लगता यही सब हम अपने कार्यकर्ता को प्रशिक्षण वर्ग में सिखाते हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सेवा ही संगठन है यह विचार केवल संगठन के महत्व को जानने वाला ही जान सकता है। यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है हमारे पूर्वजों ने देश निर्माण के लिए महान त्याग दिया है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के लिए कार्य करते हुए देश के लिए बलिदान दिया है उन्होंने नेहरू सरकार में कार्य किया, लेकिन उनके विचारों से सहमत नही हुए। ये स्पष्ट किया कि नेहरू के विचारों से देश दिन प्रतिदिन कमजोर होगा। उसी के तहत धारा 370 और 35A का विरोध कर नेहरू सरकार का विरोध कर जनसंघ की स्थापना की।
इसी का विरोध करते हुए राष्ट्र निर्माण को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान हुआ। आज उन्ही विचारों के साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। अंग्रेजों ने जब इस देश पर आक्रमण किया और इस देश पर शासन किया तो सबसे पहले उन्होंने हमारी सनातन संस्कृति पर आघात पहुंचाया और हमारे गुरुकुल जहां से राष्ट्र जागरण का विचार जागृत होता था, उसको नष्ट करके मैकाले की शिक्षा नीति को इस राष्ट्र में लाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने नई शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण किया और मैकाले की राष्ट्र विरोधी शिक्षा नीति का अंत किया। जब विवेकानंद जी ने संपूर्ण भारत की यात्रा करके और यूरोप पहुंचे तो वहां के लोगों ने भारत के बारे में उनका दृष्टिकोण जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि भारत एक अच्छा राष्ट्र, परंतु जब उन्होंने पूरे यूरोप का भ्रमण किया तब उन्होंने यूरोप के लोगों से कहा संपूर्ण विश्व में भारत मां जैसा कोई राष्ट्र नहीं है। हमें गर्व होना चाहिए कि संपूर्ण विश्व में केवल भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है, जिसको भारत मां के नाम से संबोधित किया जाता है। उन्होंने अपने उस समय के वक्तव्य में कहा था यूरोप घूमने के बाद भारत माता के प्रति मेरा आघात विश्वास भर गया है।
जब देश बंटा तो पाकिस्तान का जन्म हुआ तो जिन्ना ने पाकिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र की घोषणा करी थी उसी दिन से दूसरे धर्म और वर्ग के लोगों पर अनेका-अनेक अत्याचार हुए उन्हें अनेक तरह के शोषण से जूझना पड़ रहा है। उनके लिए भी हमारी पार्टी ने अनेक नई योजनाओं से भारत में आने का स्वागत योग्य प्रस्ताव लाए हैं।
डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी जब नेहरू के देश विरोधी नीतियों से परेशान हुए तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक के तत्कालीन सरसंघचालक गुरु जी के पास गए और उनके पास अपना राजनीतिक दृष्टिकोण रखा तो गुरु जी ने उनको राष्ट्रीय जनसंघ की स्थापना करने को कहा और उन्हें जनसंघ का पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाऔर उन्हीं के विचारों को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी भारत की ही नही विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और मजबूत विचारों के साथ आज देश निर्माण में लगी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी का अपना कोई विचार नहीं रहा है भारतीय जनता पार्टी का विचार भारत के ऋषि मुनियों का विचार रहा है, महापुरुषों का विचार रहा है वही विचार भारतीय जनता पार्टी का निरंतर चलता आ रहा है। हमारे पूर्वज इसलिए नहीं लड़ेगी हमे खोकला राष्ट्र मिले व नंगा राष्ट्र मिले। हमारे प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि हम अपने ऋषि-मुनियों और महापुरुषों और स्वतंत्रता सैनिकों के त्याग का बलिदान का स्मरण करें और इस राष्ट्र को निरंतर वैभव प्रदान करते रहे। आवश्यकता ही आवश्यकता की जननी है और आज की आवश्यकता यह है कि भारत संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बन कर उभरा है।
हमारा दल किसी व्यक्ति को मजबूत करने का दल नहीं है। किसी भी राष्ट्र को मजबूत करना है तो हमें अपना इतिहास और भूगोल पढ़ना होगा इसी सोच को लेकर हमने प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन करते हैं। 1962 में दीनदयाल जी ने प्रशिक्षण वर्ग में कहा था कि हम देश का प्रमुख विकल्प बनेंगे और आज सबके सामने हमारी केंद्र से लेकर अनेकों अनेकों राज्यों में सरकारें हैं।
उन्होंने इतिहास की कुछ बातें बताई जब अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे। तब पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री का इस प्रकार व्हाइट हाउस में स्वागत हो रहा था और भारत के निवासी जो वहां पर रह रहे थे जब उनसे मिलना चाहते थे तो अमेरिका के लोगों ने कहा कि कोई नहीं मिलेगा और टिकट की व्यवस्था हुई है उसके रेट बढ़ा दो जो स्टेडियम किया गया था।
2000 लोगों के बैठने की बैठने की व्यवस्था थी और 10000 लोगों ने आवेदन किया था और अमेरिका के बढ़े हुए दामों के आगे भी भारतीयों ने अपने पैर पीछे नहीं खींचे जब अमेरिका को यह एहसास हुआ कि भारतीय अपने विचारों से कितने मजबूत है तो वहां की राजनीतिक धरती हिल गई थी। अंत में महामंत्री जी ने कहा भारत आज जाति मुक्त हो रहा है भारत आज हर उस विचार से मुक्त हो रहा है जो भारत को खोखला करने में लगा हुआ था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।