अग्निपथ योजना के खिलाफ दो युवाओं की आत्महत्या के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी बोले- क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं
सेना में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना से व्यथित दो युवाओं की आत्महत्या के बाद एक बार फिर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा। अपनी बेबाक राय देने वाले वरुण गांधी ने कहा कि क्या हम फिर से किसान आंदोलन की तरह गलती को दोहरा रहे हैं। वरुण गांधी ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं की आवाज बुलंद की है। वरुण गांधी ने सेना भर्ती की तैयारी करने वाले छात्रों की आत्महत्या को लेकर आज एक ट्वीट किया।वरुण ने अपने ट्वीट में लिखा कि मैदान पर 6 वर्षों के मैराथन संघर्ष के बाद महज 4 वर्षों की सेवा छात्र कैसे स्वीकारेंगे? पहले रोहतक में सचिन और अब फतेहपुर में विकास की आत्महत्या से देश का हर युवा व्यथित है। सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में सैकड़ों जानें गयी। क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं?
इस ट्वीट के साथ ही वरुण गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का वीडियो भी शेयर किया। उनका साफ कहना है कि सरकार को इस भर्ती योजना के बारे में देश के युवाओं के साथ बात करनी चाहिए। योजना में जो कमियां हैं उनको दूर करने के बाद ही इस योजना को लागू करना चाहिए। वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में केंद्र की मोदी सरकार को संवादहीन सरकार तक कह दिया है।
पहले रोहतक में सचिन और अब फतेहपुर में ‘विकास की आत्महत्या’ से देश का हर युवा व्यथित है।
मैदान पर 6 वर्षों के मैराथन संघर्ष के बाद महज 4 वर्षों की सेवा छात्र कैसे स्वीकारेंगे?
सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में सैकड़ों जानें गयी, क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं? pic.twitter.com/EOhSXrOGcE
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 26, 2022
उन्होंने कहा कि सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन के समय सैकड़ों जानें गईं। क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं? बीजेपी सांसद वरुण गांधी इससे पहले भी लगातार कमियों को लेकर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं। किसान आंदोलन हो या फिर युवाओं के रोजगार की बात हो वरुण गांधी इनके हक में सरकार के सामने आवाज उठाते रहते हैं।
वरुण गांधी ने एक दिन पहले ही ट्वीट किया था और कहा था कि जब देश के जवानों को पेंशन नहीं तो फिर जनप्रतिनिधियों को क्यों पेंशन मिलनी चाहिए। साथ ही वरुण गांधी ने सेना के जवानों के लिए अपनी पेंशन तक छोड़ने की बात कही थी। वरुण यहीं नहीं रुके थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सेना के जवानों के लिए कौन-कौन से जनप्रतिनिधि अपनी पेंशन छोड़ सकते हैं।





