बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, 700 शहीद किसानों के परिजनों को मांगा मुआवजा, मंत्री के खिलाफ हो कार्रवाई
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान का स्वागत किया है। उन्होंने इसे लेकर पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी। इसमें कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। मेरा विनम्र निवेदन है कि एमएसपी पर कानून बनाने की मांग व अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय होना चाहिए। इससे किसान भाई आंदोलन समाप्त कर सम्मान घर लौट जाएं। इस चिट्ठी में उन्होंने ये भी लिखा कि लखीमपुर खीरी घटना लोकतंत्र पर धब्बा है। इस मामले से जुड़े मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही सरकार को राष्ट्र हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी देने की किसानों की मांग को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 700 किसान इस आंदोलन के दौरान शहीद हुए हैं, उनके परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा भी दें।कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि किसानों को C2+50% फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाय। इसका अर्थ कुल फसल लागत (Complete Costs- C2) और उस पर 50 फीसदी मुनाफे से है। वरुण गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर इसी फार्मूले के तहत किसानों को तुरंत MSP देने का अनुरोध किया है।
बता दें कि वरुण गांधी किसानों के मुद्दे उठाते रहे हैं। वे लगातार किसानों के समर्थन में ट्वीट करते रहे। उनका कहना है कि जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने लखीमपुर खीरी घटना के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को उठाया। उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों को वाहन से कुचलने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया में शेयर किया था। इससे पहले कहा जा रहा था कि किसानों की भीड़ उग्र थी। वहीं, वीडियों में राह चल रहे किसानों को पीछे से टक्कर मारते हुए वाहन को देखा गया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है। यही नहीं उन्होंने योगी सरकार को भी आड़े हाथों लिया था और कहा था कि ऐसी सरकार का क्या मतलब है। पीलीभीत में भारी बारिश के दौरान आई बाढ़ को लेकर उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला बोला था कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो ऐसी सरकार का क्या मतलब है। नतीजन उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया।





