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April 18, 2025

कैबिनेट से हटाने पर बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो दुखी, सांसद पद छोड़ने के साथ राजनीति से किया सन्यास का एलान

हाल ही में मोदी कैबिनेट से हटाए गए आसनसोल से बीजेपी के सांसद बाबुल सुप्रियो ने सांसद का पद छोड़कर राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान किया है।

हाल ही में मोदी कैबिनेट से हटाए गए आसनसोल से बीजेपी के सांसद बाबुल सुप्रियो ने सांसद का पद छोड़कर राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वह सिर्फ बीजेपी को पसंद करते हैं और वह किसी और पार्टी में नहीं शामिल होने जा रहे हैं। पूर्व पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने यह भी कहा है कि उनके इस फैसले का संबंध मंत्रिमंडल से हटाए जाने से है। पिछले दिनों जब उन्हें कैबिनेट से हटाया गया था तो उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि वह अपने लिए दुखी हैं
लिखी लंबी पोस्ट
राजनीति में आने से पहले गायक के रूप में फेमस बाबुल ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा कि- उन्होंने पिछले कुछ दिनों में अमित शाह और जेपी नड्डा को राजनीति छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया था। उन्होंने लिखा कि-मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने मुझे कई मायनों में प्रेरित किया है। मैं उनके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा। 2014 में बीजेपी में शामिल होने के बाद दो बार आसनसोल से सांसद बने बाबुल ने आगे लिखा-सवाल उठेगा कि मैंने राजनीति क्यों छोड़ी? मंत्रालय के जाने से इनका कोई लेनादेना है क्या? हां वह है- कुछ लोगों के पास होना चाहिए! चिंता नहीं करना चाहते हैं तो अगर वह सवाल का जवाब देगी तो सही होगा- इससे मुझे भी शांति मिलेगी।
बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि 2014 और 2019 में काफी अंतर है। तब वह बीजेपी के टिकट पर अकेले थे, लेकिन आज बंगाल में बीजेपी मुख्य विपक्षी दल है। उन्होंने राज्य ईकाई से कुछ मतभेद की ओर भी इशारा किया है, लेकिन यह भी कहा है कि पार्टी यहां से एक लंबा सफर तय करेगी।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा कि चुनाव से पहले राज्य नेतृत्व के साथ कुछ मुद्दे थे। यह हो सकता है, लेकिन उनमें से कुछ सार्वजनिक रूप से आ रहे थे। कहीं न कहीं मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं (फेसबुक पोस्ट किया जो पार्टी अराजकता के स्तर में गिरता है) फिर से कहीं और नेता भी बहुत जिम्मेदार हैं। हालांकि मैं नहीं जाना चाहता कि कौन जिम्मेदार हैं, लेकिन पार्टी की असहमति और वरिष्ठ नेताओं की असहमति से नुकसान हो रहा था। ग्राउंड जीरो में भी पार्टी कार्यकर्ताओं के हौसले को किसी भी मदद नहीं कर रहा था। ‘रॉकेट साइंस’ ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। इस समय यह पूरी तरह से अप्रत्याशित है इसलिए आसनसोल की जनता को अनंत आभार और प्यार देकर दूर जा रहा हूं।
जीवन परिचय
बाबुल सुप्रियो का जन्म का जन्म 15 दिसम्बर 1970 में पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर में हुआ था। डॉन बोस्को लिलाह में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री अर्जित की। पूर्णकालिक कैरियर के रूप में गायन करने से पहले उन्होंने स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक में कुछ दिन काम किया। फिर उन्होने मनोरंजन उद्योग में प्रवेश करने का फैसला किया।
अभिनेता के रूप में भी पहचान
बाबुल सुप्रियो एक भारतीय पार्श्वगायक, जीवन्त कलाकार, टेलीविजन होस्ट, अभिनेता, राजनेता और आसनसोल से संसद के सदस्य हैं। उन्होंने नब्बे के दशक के मध्य में हिंदी सिनेमा में पार्श्व गायक के रूप में अपना करियर बनाया और तब से कई फिल्मों के लिए गाने गाए। वह मुख्य रूप से हिंदी और बांग्ला में गाते हैं। यद्यपि उन्होंने अपने संगीत कैरियर के दौरान 11 अन्य भाषाओं में भी पार्श्व गायन किया है। उन्होंने 2014 में राजनीति में प्रवेश किया और नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल हुए।
राजनीतिक पहचान
वह भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं। 2014 के चुनावों में इन्होंने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया और जीते। हाल ही में वह भारत में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम राज्य मंत्री रहे। बॉलीवुड में सफल दशकों के बाद उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में 2014 में राजनीति में प्रवेश किया और 2014 के लोकसभा चुनावों में अपना पहला चुनाव जीता, जो आसनसोल से था। उन्होंने डोला सेन को हराया। उन्हें शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। बाद में उनको भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय दिया गया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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