बीजेपी नेता पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप, सांसद के आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान पीड़िता ने सुनाई आपबीती
नाबालिग के साथ अत्याचार की कहानी पुरानी है। उसके साथ पहले इसी साल जून में उसी के गांव के एक युवक ने प्रेमजाल में फंसा कर दुष्कर्म किया। हालांकि, बलात्कारी पॉक्सो एक्ट में जेल में बंद है, लेकिन आरोपी को बचाने के लिए उसके चचेरे भाई ने बड़ी साजिश रची। उसने पीड़िता को वापस अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। जब इस बात का पता पीड़िता के परिजनों को लगा तो उन्होंने उसे उसकी बुआ के घर लखनऊ भेज दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इधर, लड़की की बात उसके नए प्रेमी से होती रही जो बीजेपी के नगर उपाध्यक्ष के यहां काम करता है। उसने लड़की पर कोर्ट में बयान बदलने का दबाव डाला और उसे लखनऊ से बहराइच बुलाकर अपने मालिक के ऑफिस में रखा। लड़की का आरोप है कि वहां कुछ नशीला पिलाकर उसके साथ बीजेपी नेता और उसके एक अन्य साथी ने रेप किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीड़िता ने कहा कि पुलिस मामला बीजेपी से जुड़ा होने के कारण कार्रवाई नहीं कर रही। आरोपी उसकी हत्या करना चाहते हैं। आरोपियों ने मामले में सुलह कराने के लिए उसके पिता वा भाइयों पर गैंगरेप का झूठा मुकदमा करा दिया है। उन्हें लगातार धमकी मिल रही है। ऐसे में आत्महत्या ही उनके सामने आखिरी विकल्प है। वहीं, उसकी बुआ ने कहा कि वो हाथ जोड़कर बीजेपी नेताओं से निवेदन करती हैं कि उनकी मदद की जाए। उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे लोग जान दे देंगे।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मिली जानकारी अनुसार आरोपी के चचेरे भाई पवन पाल ने मदद का भरोसा देकर पीड़िता को लखनऊ से बहराइच बुलाया और उसका रेप किया। फिर उसे बीजेपी नेता के निजी कार्यालय पहुंचा दिया, जहां पर उन्होंने भी उसके साथ दुराचार किया। बाद में डरा धमका कर महिला थाने के माध्यम से उसे उसके पिता के सुपुर्द कर दिया।पीड़िता ने जब पूरी बात अपनी बुआ को बताई तो उन्होंने बीते 1 जून, 2022 को लखनऊ कमिश्नरेट के कृष्णा नगर थाने में दोनों आरोपियों पर बलात्कार व पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज करा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीड़िता की मानें तो आरोपियों ने इसके बाद भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और मामले में सुलह का दबाव डालने के लिए उसके पिता व भाइयों पर भी सामूहिक बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। पीड़िता का आरोप है कि बीजेपी नेताओं के दबाव में पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही। आरोपी उसे जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इधर, पूरे मामले में पुलिस की संदिग्ध भूमिका साबित भी हो चुकी है। बीते दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें दारोगा पीड़िता के ग्राम प्रधान को गाली देते सुनाई दे रहा था। वो उन पर पीड़िता के पिता पर दबाव बनाने के लिए गालियों की बौछार कर रहा था। इस आडियो के वायरल होने के बाद पुलिस बैकफुट पर है। साथ ही एसपी ने कार्रवाई करते हुए दोषी दारोगा को सस्पेंड कर दिया है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।