शराब घोटाले को लेकर आप सरकार के खिलाफ बीजेपी ने जारी किया दूसरा स्टिंग, दावा-गोवा और पंजाब चुनाव में हुआ पैसों का इस्तेमाल
सुधांशु त्रिवेदी ने त्रिवेदी ने कहा कि स्टिंग में अमित अरोड़ा बता रहा है कि कमीशन सरकार ने तय किया। यही नहीं, शराब घोटाले के पैसे का गोवा और पंजाब के चुनावों में उपयोग किया गया। बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि 5-5 करोड़ रुपये तक की फीस मिनिमम निर्धारित की गई। 5 करोड़ इसलिए रखा गया कि छोटा-मोटा प्लेयर आने न पाए, जबकि यह पॉलिसी इस आधार पर बनाई जाती है कि छोटे-छोटे व्यापारियों को भी काम करने का मौका मिले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की शराब नीति पर विपक्षी बीजेपी हमलावर बनी हुई है। हालांकि, वह नीति वापस ली जा चुकी है, बावजूद इसके दोनों पार्टियों के बीच सियासी संग्राम जारी है। वहीं, उपराज्यपाल की संस्तुति पर सीबीआइ भी शराब नीति के मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर खंगाल चुकी है। साथ ही सीबीआइ ने आबकारी अधिकारी, शराब ठेकेदारों के साथ ही डिप्टी सीएम के 30 से ज्यादा ठिकानों पर कई राज्यों में छापे भी मारे। इसके अलावा ईडी भी मनीष सिसोदिया को छोड़कर कई अन्य के ठिकानों पर छापे मार चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले बीजेपी ने एक स्टिंग जारी करके केजरीवाल की शराब नीति में कमीशनखोरी का आरोप लगाया था। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा ने कहा था कि स्टिंग मास्टर का ही स्टिंग हो गया, घोटाले के एक आरोपी के पिता ने खोल दी पोल। इस पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पलटवार करते हुए कहा था कि बीजेपी बहुत दिन से चिल्ला रही है कि घपला हो गया। कभी कहते हैं 1300 करोड रुपए, कभी 8,000 करोड़ रुपये, कभी 500, कभी 144 करोड़, कभी 30 करोड़। फिर सीबीआई से FIR कराई तो सीबीआई ने ढूंढ-ढूंढ कर दूर से कहीं से खींच कर दो कंपनी के बीच में हो रही वाइट डीलिंग को जबरदस्ती मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की। वह भी सूत्रों के हवाले से। उसके आधार पर मेरे घर पर छापा डलवा दिया, उसमें कुछ नहीं मिला।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।