पश्चिम बंगाल में बीजेपी को लगा झटका, सांसद अर्जुन सिंह टीएमसी में हुए शामिल
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं सांसद अर्जुन सिंह ने रविवार को पार्टी छोड़ दी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनका तृणमूल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता में उनके कार्यालय में स्वागत किया। तृणमूल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि-पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष और बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह का अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस परिवार में गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। वह हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में हमसे जुड़े।इससे कुछ दिन पहले अर्जुन सिंह ने पार्टी के राज्य नेतृत्व पर ठीक से काम करने की अनुमति नहीं देने के लिए निशाना साधा था। अर्जुन सिंह इस बात से नाराज थे कि केंद्र ने जूट की कीमतों को 6,500 रुपये प्रति क्विंटल करने की अधिसूचना को वापस ले लिया। इसको लेकर वह और अन्य उद्योग हितधारक पिछले कुछ हफ्तों से मांग कर रहे थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि अर्जुन सिंह हाल ही में भाजपा की राज्य इकाई में गुटबाजी को लेकर भाजपा के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के लिए दिल्ली गए थे। इस दौरान उन्होंने जूट मिल के मुद्दे को भी उठाया।
Extending a warm welcome to Shri @ArjunsinghWB, who rejected the divisive forces at @BJP4India and joined the @AITCofficial family today.
People across the nation are suffering and they need us now more than ever. Let’s keep the fight alive! pic.twitter.com/N6s5FggBtx
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) May 22, 2022
बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह पिछले छह महीने से तृणमूल कांग्रेस के साथ संपर्क में थे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा ने उन्हें मनाने के कई असफल प्रयास किए। बैरकपुर सीट से दिनेश त्रिवेदी को टिकट देने के बाद अर्जुन सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल छोड़ दी थी। उन्होंने त्रिवेदी को हराया, जो इस सीट से दो बार के सांसद थे। सिंह के बेटे पवन सिंह भाटपारा से भाजपा विधायक हैं। वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल सकते हैं।
बाबुल सुप्रियो के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी छोड़ने वाले अर्जुन सिंह दूसरे लोकसभा सांसद हैं। वरिष्ठ तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद बालीगंज विधानसभा सीट पर हालिया उपचुनाव में बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीतने में कामयाब रहे।





