बीजेपी ने डाक मत्र पत्रों की वीडियो वायरल होने पर कांग्रेस पर ही किए हमले
उत्तराखंड में डाक मत पत्रों का वीडियो वायरल होने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर ही हमले किए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेसल पार्टी नेताओं में सेना और संवैधानिक संस्थानों का अपमान करने की होड़ लगी रहती है।

मदन कौशिक ने बलबीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राजनैतिक विद्वेष के चलते ही कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता ने सैनिकों के डाक मतपत्रों का फर्जी विडियो जारी किया है। बिना किसी पुख्ता प्रमाण और जांच के इतने वरिष्ठ नेता का सैनिकों के मतदान को लेकर चुनाव की गोपनीय प्रक्रिया का विडियो वायरल करना भारतीय सेना का अपमान है। जो साबित करता है कि कल तक दिवंगत जनरल विपिन रावत के कटआउट लगाकर प्रचार करना, कांग्रेस पार्टी का वीर जवानों के प्रति सम्मान का ढकोसला मात्र था।
उन्होने कहा कि जैसे जैसे सभी विधानसभा बूथों से जमीनी हकीकत सामने आ रही है, वैसे वैसे भाजपा की सत्ता में वापिसी तय हो गयी है। अब चूंकि कांग्रेस को भी इसका बखूबी अंदाजा हो गया है। इसलिए वह हमेशा की तरह ईवीएम में छेड़छाड़ व डाकपत्रों में धांधली को लेकर बगैर सिर पैर के आरोप लगाकर अभी से हार का ठीकरा संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ने की तैयारी कर रही है। बीजेपी में भीतरघात को लेकर पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सभी बाते पार्टी संगठन के संज्ञान में है। सही समय पर उचित कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया था। इसमें सेना के डाक मत पत्रों पर एक ही व्यक्ति निशान लगा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस जहां बीजेपी पर हमलावर है। वहीं, बीजेपी अब कांग्रेस पर ही उल्टे सवाल दाग रही है। हालांकि मामले की गंभीरता को लेकर बीजेपी में अलग अलग मत हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने एक बयान में कहा कि इस मामले में डीडीहाट में बीजेपी की ओर से जिलाधिकारी को शिकायत की जा चुकी है। वहीं, बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष वीडियो को ही फर्जी करार दे रहे हैं।
अब ऐसे वीडियो पर कई सवाल खड़े होते हैं। यदि सेना के डाक मत पत्र पर निशान लगाने का वीडियो वायरल होता है तो ये कहीं न कहीं प्रशासन के साथ ही सेना की गोपनीयता में कमी ही माना जाएगा। क्योंकि मतपत्र की वीडियो बनाने के लिए कोई बाहर का व्यक्ति नहीं गया होगा। यदि उक्त वीडियो सही है तो ऐसे में ये मामला बेहद गंभीर है। इस गंभीरता को चुनाव आयोग को भी समझकर कार्रवाई करनी चाहिए।