पक्षियों के रहस्यलोक को जानने में जुटे पक्षी प्रेमी, कर रहे गणना, जल्द आएगी रिपोर्ट
उत्तराखंड में पक्षी प्रेमियों ने एक बार फिर जंगलों की तरफ रुख किया है। ये पक्षी प्रेमी पक्षियों की गणना तो करेंगे। साथ ही पक्षीयों के रहस्यलोक को जानने की कोशिश करेंगे। फिर इसकी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस चार दिवसीय अभियान के तहत ये जानने का प्रयास किया जा रहा है कि किन प्रजातियों के पक्षियों का अब उत्तराखंड से मोह भंग हो रहा है। साथ ही इसके कारणों को भी जानने का प्रयास किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पक्षियों का संसार अद्भुत है। अमूमन पक्षी प्रेमी मार्निंग वाक के लिए भी ऐसे स्थानों का चयन करते हैं, जहां उन्हें पक्षियों की कलरव सुनाई दे। उनकी निगाह, दूरबीन और कैमरे की आंख पक्षियों को तलाशती रहती है। ये उनका जूनून हो सकता है, लेकिन जब वे जानकारी जुटाते हैं तो हर कोई नई जानकारी से हैरान हो जाता है। उत्तराखंड के देहरादून में एक्शन एंड रिसर्च फॉर कन्जर्वेशन इन हिमालयाज (आर्क) ने एक बार फिर से पक्षी प्रेमियों को एकजुट किया और 27 नवंबर से लेकर 30 नवम्बर तक 11वां ग्रेट हिमालयन बर्ड कॉउंट-2023 के अभियान की शुरुआत कर दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बनाए गए हैं कई ग्रुप
देहरादून में आर्क के संस्थापक प्रतीक पंवार ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से आये पक्षी-प्रेमियों को उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की जानकारी देकर पक्षियों की चार दिवसीय गणना के लिए 27 नवंबर को रवाना किया गया। अब वे इस अभियान में जुट गए हैं। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में जाने को कई ग्रुप बनाए गए हैं। पक्षी गणना में उत्तराखंड के अलावा मुम्बई, पूना, हैदराबाद, कलकत्ता, गुजरात उड़ीसा, लखनऊ व जयपुर आदि के पक्षी प्रेमी भाग ले रहे हैं। वहीं कार्यक्रम को गति प्रदान करने में शिक्षिका मेघा रावत पंवार का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन इलाकों में रवाना हुए पक्षी प्रेमी
पक्षी प्रेमी देवाल – वन – मुंडोली, ऊखीमठ – सारी – देवारिया ताल, गुप्तकाशी – चोपता – तुंगनाथ, तिलवाड़ा – सोनप्रयाग – गुप्तकाशी, आराकोट – चीवा – हनोल, गौचर – आदिबद्री – गैरसैंण, कर्णप्रयाग – नौटी – आदिबद्री, मंडल – पुंग बुग्याल – कंचूला खरक, उत्तरकाशी – भटवाड़ी – हर्सिल – उत्तरकाशी, उत्तरकाशी – दयारा – भटवाड़ी, पुरोला – नैटवाड़ – सांकरी – तालुका – ओसला, पुरोला – नौरी – जरमोला, पौड़ी – खिरसू – श्रीनगर, घुत्तू – रिह/ गंगी – घुत्तू, बड़कोट – जानकीचट्टी – यमनोत्री, देओबन ,- कनासर – बुधेर, धनोल्टी – सुरकंडा, सुवाखोली – मगरा – नालीकला, चीला – कांडव आश्रम – लैंसडाउन और रामपुर मंडी आदि स्थानों पर पक्षी गणना करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले से ही तय है रोडमैप
प्रतीक पंवार बताते हैं कि पक्षी गणना के लिए पथ पहले से ही चिह्नित किये गए हैं। ताकि किसी को भी कोई दिक्कत न हो। मौसम के अनुसार गणकों को फर्स्ट एड किट्स के साथ ही अन्य जरूरी सामग्री भी दी गई हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम की खास बात यह है कि युवा जहां बड़े बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ उठा रहे हैं। वहीं अपने साथ छोटे बच्चों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रहस्यलोक को जानने का हो रहा प्रयास
इस दौरान पक्षी प्रेमी, पक्षियों की गणना के साथ ही उनके रहस्यलोक को जानने का प्रयास भी कर रहे हैं। वे ये जानने का प्रयास कर रहे हैं कि पक्षियों की किन-किन प्रजातियों का उत्तराखंड से मोह भंग हुआ है। साथ ही कौन सी नई प्रजातियों ने आस जगाई। वहीं युवा पक्षियों की गणना के साथ ही पक्षियों के रहस्य को समझकर पर्यावरण के महत्त्व को भी समझ पायेंगे। अभियान में सहयोगी शिक्षक कमलेश्वर प्रसाद भट्ट और सुमन हटवाल ने बताया कि कार्यक्रम का सबसे बड़ा फायदा भविष्य के वाशिंदों को मिलता दिख रहा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।