बड़ी कामयाबीः सात साल बाद क्षुद्र ग्रह बेन्नू के सैंपल लेकर धरती पर उतरा नासा का अंतरिक्ष यान, खुलेंगे कई रहस्य, देखें वीडियो
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का OSIRIS-REx अंतरिक्ष यान क्षुद्रग्रह बेन्नू का सैंपल लेकर पृथ्वी पर उतर चुका है। इसकी सॉफ्ट लैंडिंग भारतीय समयानुसार, रविवार रात 8.22 बजे अमेरिका के यूटा रेगिस्तान में हुई है। नासा ने कहा है कि कैप्सूल अच्छी हालात में दिख रहा है। यह अपनी हीटशील्ड पर नुकीले भाग की ओर से धरती पर टिका हुआ है। जब यह कैप्सूल पृथ्वी की वायुमंडल में घुसा तो इसकी स्पीड बंदूक से निगली गोली से 15 गुना तेज थी। नासा ने OSIRIS-REx मिशन को सात साल पहले लॉन्च किया था। OSIRIS-REx जो नमूने लेकर उतरा है वे अंतरिक्ष चट्टान के 4.6 बिलियन वर्ष पुराने टुकड़े हैं जो इस बात पर प्रकाश डाल सकते हैं कि ग्रह कैसे बने और वहां जीवन कैसे शुरू हुआ। पृथ्वी के पास से गुजरते हुए, ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने कैप्सूल को 63,000 मील (100,000 किलोमीटर) दूर से छोड़ा। लगभग चार घंटे बाद यह कैप्सूल पैराशूट के जरिये सेना के उताह परीक्षण एवं प्रशिक्षण रेंज में उतर गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक कप मलबा मिलने का अनुमान
वैज्ञानिकों को बेन्नू नामक कार्बन-समृद्ध क्षुद्रग्रह से कम से कम एक कप मलबा मिलने का अनुमान है। हालांकि, जब तक कंटेनर को खोला नहीं जाता, उसमें मिलने वाली सामग्री के बारे में पुष्ट तरीके से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। क्षुद्रग्रह के नमूने वापस लाने वाला एकमात्र अन्य देश जापान दो क्षुद्रग्रह मिशन से केवल एक चम्मच मलबा ही एकत्र कर सका था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
After a journey of nearly 3.9 billion miles, the #OSIRISREx asteroid sample return capsule is back on Earth. Teams perform the initial safety assessment—the first persons to come into contact with this hardware since it was on the other side of the solar system. pic.twitter.com/KVDWiovago
— NASA (@NASA) September 24, 2023
टुकड़ों को बांटकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों को भेजेंगे
नासा के वैज्ञानिक जिस धूल और चट्टान के छोटे-छोटे टुकड़ों को देखने के लिए उत्सुक हैं, उन्हें बांटकर दुनिया भर के शोधकर्ताओं को भेजा जाएगा। OSIRIS-REx मिशन टीम के पास सबसे बड़ा हिस्सा पहुंचेगा। हायाबुसा-2 मिशन से नासा को भेजे गए क्षुद्रग्रह नमूनों के बदले में लगभग 4% नमूना कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी को और 0.5% जापानी अंतरिक्ष एजेंसी को जाएगा। कुछ सामग्री न्यू मैक्सिको में एक सुरक्षित फैसिलिटी में भी संग्रहीत की जाएगी। दुनिया भर के वैज्ञानिक भी नासा से इस छुद्रग्रह के छोटे हिस्से मांग सकेंगे। इसके कुछ भाग को भविष्य के लिए भी बचाकर रखा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
250 ग्राम धूल, मिट्टी और पत्थर का अनुमान
क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूने वाला जो कैप्सूल धरती पर उतरा है, इसमें सिर्फ 250 ग्राम धूल-मिट्टी और पत्थर के टुकड़े होगें। हालांकि इसे पर्याप्त माना जा रहा है। यह पहली बार नहीं है कि किसी क्षुद्रग्रह से सामग्री पृथ्वी पर वापस लाई गई है। जापान ने क्षुद्रग्रहों इटोकावा और रयुगु के लिए हायाबुसा मिशन के जरिए ऐसा किया है। उस वक्त जापान दोनों छुद्रग्रहों से 6 ग्राम से थोड़ा कम सामग्री प्राप्त करने में कामयाब रहा था। यह बहुत अधिक नहीं लग सकता है, लेकिन वास्तव में वैज्ञानिक जिस प्रकार के परीक्षण करना चाहते हैं, उसके लिए यह पर्याप्त हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
Your package has been delivered.
The #OSIRISREx sample return capsule containing rock and dust collected in space from asteroid Bennu has arrived at temporary clean room in Utah. The 4.5-billion-year-old sample will soon head to @NASA_Johnson for curation and analysis. pic.twitter.com/Ke0PcDAKt0
— NASA (@NASA) September 24, 2023
पृथ्वी और जीवन की उत्पत्ति को समझने में मिलेगी मदद
रविवार को पहुंचे क्षुद्रग्रह के नमूनों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को 4.5 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल की शुरुआत के संबंध में और बेहतर ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी और जीवन ने कैसे आकार लिया। ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने 2016 में अपना मिशन शुरू किया था और इसने बेन्नू नामक क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचकर 2020 में नमूने एकत्र किए थे। इन नमूनों को सोमवार को ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में ले जाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पृथ्वी के निर्माण का खुलेगा राज
लंदन में प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएचएम) के एशले किंग ने कहा कि ये हमारे सौर मंडल में बनी सबसे पुरानी सामग्रियों में से कुछ हैं। क्षुद्रग्रहों के नमूने हमें बताते हैं कि पृथ्वी जैसा ग्रह बनाने के लिए वे सभी सामग्रियां क्या थीं और वे हमें यह भी बताते हैं कि नुस्खा क्या था। ये टुकड़े ये भी बता सकते हैं कि वे सामग्रियां एक साथ कैसे आईं और एक साथ मिश्रित होने लगीं और अंत में पृथ्वी पर रहने योग्य वातावरण बन गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छुद्रग्रह बेन्नू को ही क्यों चुना गया
वास्तव में बेन्नू को संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। नासा का सुझाव है कि 2100 के दशक के मध्य के बाद, और कम से कम 2300 तक, इसके पृथ्वी से टकराने की 1,750 में से एक संभावना है। अनुसंधान का एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र क्षुद्रग्रह की कार्बन से भरी सतह है, जिसका अध्ययन करके वैज्ञानिक यह पता लगाने के लिए उत्सुक हैं कि क्या ऐसी वस्तुएं जीवन के लिए महत्वपूर्ण सामग्री – जैसे कार्बनिक पदार्थ और पानी – पृथ्वी पर ला सकती थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।