बिलकिस बानो केस में बड़ा खुलासा, पेरोल के दौरान गवाहों को धमकाते थे दोषी

सजा पूरी होने से पहले ही अगस्त महीने में रिहा किए गए 11 में से कम से कम चार दोषियों पर परोल के दौरान गवाहों को धमकाने और परेशान करने का आरोप हैं। एनडीटीवी ने इस संबंध में खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोषियों के खिलाफ कई प्राथमिकी और पुलिस शिकायतें हासिल की हैं। जो कि गुजरात सरकार के उस दावे के बिल्कुल विपरित है, जिसमें कहा गया था कि दोषियों के ‘अच्छे आचरण’ की वजह से उन्हें रिहा किया गया है। कहा गया था कि उनके पास इस बात के कोई सबूत नहीं थे कि उन्होंने इस दौरान कोई भी गलत काम किया है। NDTV की खोज में पता चला है कि साल 2017-2021 के बीच, बिलकिस बानो मामले में कम से कम चार गवाहों ने शिकायतें और प्राथमिकी दर्ज की थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोषी लगातार से जेल से बाहर आते रहे
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केस के गवाह “लगातार पेरोल” लेने वाले दोषियों से धमकी मिलने की शिकायत करते थे। गवाहों का आरोप है कि उनकी किसी भी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017 और 2020 के बीच गवाहों ने कई बार ये शिकायत की थी कि केस के दोषी पेरोल पर बाहर आकर धमकी देते हैं। रंधीकपुर के रहने वाले गवाहों ने जिला पुलिस के साथ-साथ गुजरात के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा को भी इस बारे में लिखा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होते थे दोषी
बिलकिस बानो केस में गवाहों की ओर से अब्दुल रज्जाक मंसूरी ने फरवरी 2021 में प्रदीप सिंह जडेजा को लिखे गए एक पत्र में बताया था कि आरोपी जेल से निकलकर राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। अपने घर बनवा रहे हैं और गवाहों को धमकाते हैं। मंसूरी ने पत्र में लिखा था गवाह दोषियों के डर में जी रहे हैं और दोषी बस कहने को जेल में सजा काट रहे थे। पांच पन्नों के पत्र में मंसूरी ने केस में आरोपी शैलेश भट्ट के मामले का हवाला दिया था। आरोप लगाया था कि भट्ट ने परोल पर बाहर रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और दाहोद से भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मंच साझा किया था।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।