राष्ट्रपति बनते ही एक्शन में आए जो बाइडेन, पलटे ट्रंप के फैसले, मास्क लगाना किया अनिवार्य
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्ता में आने के साथ ही पिछली सरकार के कई बड़े फैसले पलट दिए। उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते पर वापसी का ऐलान किया है। पहले दिन 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने ऐसे फैसलों पर साइन किए, जिनकी लंबे समय से मांग चल रही थी। इसमें कोरोना वायरस, आव्रजन और जलवायु परिवर्तन के मामले में शामिल हैं।
राष्ट्रपति बनने के कुछ ही घंटों बाद जो बाइडेन ओवल ऑफिस पहुंचे और पत्रकारों को बतौर राष्ट्रपति टिप्पणी देते हुए कहा-आज काम शुरू करने का समय है। बाइडेन ने पद संभालते ही कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इनमें सबसे महत्वपूर्व है अंतरराष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका का दोबारा शामिल होना। उन्होंने ‘ग्लोबल वॉर्मिंग’ कम करने की वैश्विक लड़ाई में अमेरिका को फिर से शामिल कर दिया है।
बाइडेन ने बुधवार को अपने पहले भाषण में कहा, ग्रह स्वयं ही खुद को बचाने की गुहार लगा रहा है। उन्होंने कहा, यह गुहार पहले कभी इतनी हताशा भरी और स्पष्ट नहीं थी। बाइडेन ने शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद ही ‘पेरिस जलवायु’ समझौते में अमेरिका को पुन: शामिल करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए और अपने एक बड़े चुनावी वादे को पूरा किया।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया था। पेरिस समझौते में शामिल 195 देशों और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए कार्बन प्रदूषण को कम करने और उनके जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन की निगरानी करने तथा उसकी जानकारी देने का लक्ष्य रखा गया है। चीन के बाद अमेरिका दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है।
कोरोना वायरस के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मतभेद हुए और उन्होंने खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ लिया। इसके बाद बाइडेन ने कहा था कि अगर वे वापस आते हैं तो WHO से नाता जोड़ेंगे।
ओवल दफ्तर में कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते वक्त बाइडेन मास्क लगाए हुए थे। ट्रंप के साथ शायद ही ऐसा कभी देखा गया हो। बाइडेन ने एक और आदेश जारी किया है जिसके तहत संघीय दफ्तरों में कर्मचारियों के लिए शारीरिक दूरी और मास्क लगाना अनिवार्य हो गया है। कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक संकट झेल रहे लोगों की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया गया है। उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक नया संघीय समन्वय कार्यालय बनाया है और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और रक्षा के लिए व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद निदेशालय को दोबारा बहाल किया है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल में इसे बंद कर दिया था.
गौरतलब है कि बाइडेन ने शपथ के दौरान अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने की भी बात कही है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ आगे बढ़ने का समय है. अमेरिका एक महान देश है।
ये है बाइडेन के महत्वपूर्ण फैसले
-कोरोना महामारी पर कंट्रोल करने से जुड़े फैसले लिए, जिसमें उन्होंने मास्क को जरूरी कर दिया।
-जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अमेरिका की वापसी पर फैसला लिया है।
-इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले पर भी रोक लगा दी है।
-बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को भी रोक दिया है, इसके साथ ही साथ इसके लिए फंडिंग भी रोक दी है।
-जिन मुस्लिम देशों के लोगों के आगमन पर ट्रंप ने बैन लगाया था उन्हें भी वापस लेने का फैसला किया है।
-आम लोगों को आर्थिक मदद का ऐलान करने के साथ ही स्टूडेंट लोन की किस्त को सितंबर तक टाला गया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।