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July 31, 2025

भोजनमाताओं का आंदोलन स्थगित, जल्द मांगे नहीं मानी तो फिर से होगा आंदोलन

उत्तराखंड के देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय के समक्ष 28 फरवरी से दिए जा रहे धरने को भोजनमाताओं ने स्थगित कर दिया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को लेकर जल्द कोई समाधान नहीं किया गया तो वे फिर से आंदोलन करेंगी। वे न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, ईएसआई, भविष्यनिधि, ग्रेजुएटी, पेंशन का लाभ देने आदि की मांग कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन की ओर से शिक्षा निदेशालय में हर दिन स्कूल में अपना काम निपटाने के बाद भोजनमाताएं धरना दे रही थीं। इस धरने में दूसरे जिलों से भी भोजनमाताओं ने प्रतीकात्मक भागीदारी की थी। आज सोमवार चार मार्च को भोजनमाताओं ने संयुक्त निदेशक मध्याहन भोजन जेपी काला से वार्ता की। उन्होंने प्रमुख मांगों में भोजन माताओ से अतिरिक्त कार्य करवाने पर रोक लगाने, नियुक्ति पत्र देने, चुनावों में पोलिंग पार्टियों के लिए भोजन बनाने का भुगतान करने, स्कूलों में उनके उत्पीड़न पर रोक लगाने आदि मांगों पर लिखित निर्देश जारी करने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस पर संयुक्त निदेशक जेपी काला ने कहा कि पूर्व में सभी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। फिर भी भोजन माताओ की मांग पर ये दिशा निर्देश फिर से जारी कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि आज धरना हम लोग आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं। आने वाले समय में यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आंदोलन फिर से शुरू कर दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मांगों के संदर्भ में वार्ता हो चुकी है। इस पर सकारात्मक वार्ता कर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। इसमें भोजन माताओ को निकालने के आदेश को वापस लेने, मानदेय में वृद्धि, सभी भोजन माता को सामाजिक सुरक्षा देना, ग्रेजुएटी का लाभ इत्यादि मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर यूनियन की महामंत्री मोनिका ने कहा कि वे अनुशासित तरीके से अपने आंदोलन को चला रहे थे। जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन को तेज करेंगे। आने वाले लोकसभा के चुनाव में इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भोजन माताएं 3000 रुपये में का कार्य करती हैं। उन्हें मानदेय भी सिर्फ 11 माह का ही मिलता है। जो की बहुत कम है। इसलिए उनसे अन्य कार्य न करवाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरने के दौरान सीटू के जिला सचिव मामचंद सहित रोशनी, कमल गुरुंग, रजनी रावत, इंदु रावत, प्रेमा, मीना नेगी, सुनीता देवी, प्रमिला भंडारी, शांति देवी, बबली देवी, अनिता, पूनम देवी, निशा, सुचिता, बसंती, संगीता आदि उपस्थित थीं।
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Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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