भाद्रपद माह इस वजह से है खास, जानिए महत्व और इस माह के व्रत व त्योहार
सावन का महीना बीत गया। सावन पूर्णिमा के अगले दिन से भाद्रपद के महीने की शुरुआत होती है। सनातन धर्म में इस माह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कारण ये है कि इस माह में कई अहम पर्व और व्रत पड़ते हैं। धार्मिक मत है कि इस माह में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन में आ रही सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद का महीना छठा महीना होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भगवान शिव, विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का विधान
भाद्रपद महीना सावन के बाद आता है। इस साल सावन का महीना 19 अगस्त के दिन खत्म हो गया। आज 20 अगस्त से भाद्रपद का महीना शुरू हो गया। 18 सितंबर को भाद्रपद खत्म हो जाएगा। इसे भादो का महीना भी कहते हैं। भाद्रपद महीने में भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का विधान होता है। साथ ही गणपति बप्पा की भी इस माह में विशेष पूजा की जाती है।
नोटः यहां दी गई जानकारी धार्मिक परंपराओं और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। लोकसाक्ष्य इसकी पुष्टि नहीं करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
त्योहारों की वजह से खास है ये महीना
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भाद्रपद माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। जैसे- श्री कृष्ण जन्मोत्सव, गणेश चतुर्थी, अजा एकादशी, हरतालिका तीज और प्रदोष व्रत, पितृपक्ष प्रारंभ, भाद्रपद पूर्णिमा, गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी आदि। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भाद्रपद माह का महत्व
भाद्रपद के महीने का अधिक महत्व है। इस माह को भादो के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव के पुत्र गणेश जी और भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में गणेश जी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने से जातक को सभी कष्ट और दुखों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा भाद्रपद में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भाद्रपद माह के नियम
इस माह में सुबह स्नान करने के बाद श्रीहरि, भगवान श्रीकृष्ण, भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके अलावा श्रद्धा अनुसार लोगों में दान करना चाहिए। पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। किसी व्यक्ति से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। घर के बड़े बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। किसी भी पशु-पक्षी को परेशान न करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नियमों का करें पालन, जीवन में आएगी खुशहाली
माना जाता है कि भाद्रपद महीने में पूरे मनोभाव से पूजा-पाठ किया जाए तो जीवन में खुशहाली आती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। भाद्रपद माह में मांस-मदिरा के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इस महीने में गरीबों और जरूरमंदों को दान देने का भी विशेष महत्व होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भाद्रपद महीने के व्रत त्योहार
22 अगस्त, गुरुवार – कजरी तीज
24 अगस्त, शनिवार – बलराम जयंती
25 अगस्त, रविवार – भानू सप्तमी
26 अगस्त, सोमवार – कृष्ण जन्माष्टमी
27 अगस्त, मंगलवार – दही हांडी
29 अगस्त, गुरुवार – अजा एकादशी
31 अगस्त, शनिवार – प्रदोष व्रत
2 सितंबर, सोमवार – भाद्रपद अमावस्या
6 सितंबर, शुक्रवार – हरतालिका तीज, वराह जयंती
7 सितंबर, शनिवार – गणेश चतुर्थी
8 सितंबर, रविवार – ऋषि पंचमी
10 सितंबर, मंगलवार – ललिता सप्तमी
11 सितंबर, बुधवार – राधा अष्टमी, महालक्षमी व्रत की शुरूआत
14 सितंबर. शनिवार – परिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर, रविवार – प्रदोष व्रत, वामन जंयती
16 सितंबर, सोमवार – विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर, मंगलवार पूर्णिमा श्राद्ध, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी
18 सितंबर, बुधवार – पितृ पक्ष प्रारंभ, आंशिक चंद्र ग्रहण
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।