लोस चुनाव के पहले उत्तराखंड में विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी की एंट्री, हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापेमारी

लोकसभा चुनाव निकट आ गए हैं। वहीं, देश भर में विपक्षी दलों के नेताओं के ठिकानों पर ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है। अब पर्वतन निदेशालय ईडी ने उत्तराखंड में भी एंट्री कर ली है। हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष के नेता को ईडी के शिकंजे में कसा जा रहा है। जानकारी मिली कि उत्तराखंड में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापेमारी कर रहा है। हरक सिंह रावत के दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में करीब 16 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईडी की यह छापेमारी दो अलग-अलग मामलों में चल रही है। इसमें एक मामला फॉरेस्ट लैंड से जुड़ा है। दूसरा मामला एक अन्य जमीन घोटाले से संबंधित है। इसमें पिछले साल अगस्त में विजिलेंस विभाग ने हरक सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कैबिनेट और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हरक सिंह रावत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2016 में हरक सिंह रावत सहित कुल 10 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी और भाजपा में चले गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दलबदल में भी रहे नंबर वन
दल बदलने में हरक सिंह रावत भी नंबर वन रहे हैं। वह पांच बार दल बदल चुके हैं। उनकी शुरुआत सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हुई थी। वह उत्तर प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में राज्य मंत्री भी थे। 1998 में भाजपा ने उनका टिकट काटा तो इससे नाराज हरक बसपा में शामिल हो गए। कुछ समय बसपा में रहने के बाद उन्होंने कांग्रेस की राह पकड़ी। एनडी तिवारी सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला, लेकिन बहुचर्चित जैनी प्रकरण के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वर्ष 2007 में उन्होंने एक बार फिर लैंसडौन सीट से जीत दर्ज की और उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वर्ष 2012 के चुनाव में हरक ने सीट बदलते हुए रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ा और फिर से विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद हरक सिंह कांग्रेस के नौ अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें कोटद्वार सीट से मौका दिया और वह विधानसभा में पहुंचे। तब भाजपा सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 16 जनवरी 2022 को भाजपा ने हरक को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। 21 जनवरी को वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।