उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने से पहले इस खबर को पढ़ लीजिए, नहीं होगी कोई परेशानी
उत्तराखंड में तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का प्रारंभ हो जाएगा। यदि आप चारधाम यात्रा का मन बना रहे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ लें। फिर कोई दिक्कत नहीं होगी।

प्रतिदिन दर्शन के लिए धामों में निर्धारित की गई यात्रियों की संख्या
गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा प्रभावित रही थी। इस बार सरकार को भी यात्रा के परवान चढ़ने की उम्मीद है। अभी तक 2.86 लाख लोग चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। ऐसे में तीर्थ यात्रियों में भी यात्रा के प्रति उत्साह नजर आ रहा है। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों, धामों में श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता और मंदिर परिसरों की क्षमता को देखते हुए प्रतिदिन के लिए दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित की गई है। हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरि चंद्र सेमवाल ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
धाम- संख्या
बदरीनाथ- 15000
केदारनाथ- 12000
गंगोत्री- 7000
यमुनोत्री- 4000
इस बार भी यात्रा के लिए पंजीकरण किया अनिवार्य
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को इस बार भी पंजीकरण कराना अनिवार्य है। श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इसके साथ ही आफलाइन पंजीकरण के लिए 15 केंद्र खोले जाने हैं। फिलहाल ऋषिकेश, हरिद्वार, सोनप्रयाग और पाखी में आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
कोविड के नियमों का होगा पालन
यात्रा के दौरान कोविड सम्यक व्यवहार आवश्यक है। इसके तहत मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर जारी कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। साथ ही दर्शन के दौरान भी कोविड के नियम बनाए गए हैं।
रात में छह घंटे बंद रहेगा आवागमन
यात्रा के दौरान राज्य में आने वाले तीर्थ यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्गों पर रात्रि 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। शासन द्वारा जारी आदेश में भी यह प्रविधान किया गया है।
कोरोना रिपोर्ट की नहीं है अनिवार्यता
सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले चारधाम तीर्थ यात्रियों को फिलहाल राहत देने का प्रयास किया है। फोकस यात्रा का सफल संचालन है। अग्रिम आदेशों तक यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा पर होने वाली असुविधा एवं भीड़ से बचाव करने के दृष्टिगत कोविड-19 टेस्टिंग, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट एवं अन्य किसी भी प्रकार की चेकिंग की अनिवार्यता नहीं है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।